KESARI CHAPTER 2: ”केसरी 2” टीजर हुआ रिलीज, जलियांवाला बाग की अनकही दास्तान सुनाएंगे अक्षय कुमार…

KESARI CHAPTER 2 अक्षय कुमार की नई फिल्म ‘केसरी 2’ का टीजर रिलीज कर दिया गया है। पहली फिल्म में जहां सारागढ़ी में हुए ऐतिहासिक युद्ध की सच्ची कहानी पर दिखाई गई थी जिसमें 21 बहादुर सिखों ने अंग्रेजों से लोहा लिया था। वहीं अब फिल्म के दूसरे पार्ट की कहानी रूह कंपा देने वाले ‘जलियांवाला बाग हत्याकांड’ पर है।
KESARI CHAPTER 2 का टीजर 1 मिनट 39 सेकेंड का है, जिसमें शुरुआत के 30 सेकेंड में उस भयावह हत्याकांड की सिर्फ आवाज सुनाई देती है। गोलियों की आवाज, लोग दरवाजा खोलने की गुजारिश कर रहे हैं, गोलीबारी रोकने की दरख्वास्त कर रहे हैं, कोई कुएं में कूदने के लिए कह रहा है और कोई कुएं में कूदने से अपनी मां को रोक रहा है।
इसके बाद साल 1919 का अमृतसर स्वर्ण मंदिर। आवाज आती है- ‘ये सिर्फ 30 सेकेंड की फायरिंग थी। अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग में पूरे 10 मिनट तक गोलियां चलाईं।
इसके बाद अमृतसर के गोल्डन टेंपल की झलक दिखाई जाती है जहां अक्षय मत्था टेकते नजर आते हैं। इसके बाद वे वकील की यूनिफॉर्म पहने कोर्ट में दिखाई देते हैं। अंग्रेज कहता है- ‘आज तक क्राउन से कोई नहीं जीता है। मत भूलो कि तुम अभी भी ब्रिटिश सरकार के गुलाम हो।’
करण सिंह त्यागी के डायरेक्शन और धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले
कौन हैं सी शंकरन नायर
मालूम हो कि सर चेट्टूर शंकरन नायर भारतीय वकील और राजनेता थे, जिन्होंने1906 से 1908 तक मद्रास के एडवोकेट-जनरल, 1908 से 1915 तक मद्रास के उच्च न्यायालय में एक अवर न्यायाधीश और 1915 से 1919 तक वायसराय की कार्यकारी परिषद के सदस्य के रूप में भारत भर में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी।
Read more GST Council Meeting: हेल्थ और टर्म इश्योरेंस प्रीमियम पर कम होगी GST, 5 फीसदी किया जा सकता है रेट…
जलियांवाला बाग में क्या हुआ था
KESARI CHAPTER 2अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास एक छोटा-सा बगीचा था। यहां पर 13 अप्रैल 1919 को ब्रिगेडियर जनरल रेजिनाल्ड एडवर्ड डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने निहत्थे लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। जलियांवाला बाग में हुए इस नरसंहार में सैकड़ों बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और आदमी मारे गए थे। हजारों लोग घायल हुए थे। कहते हैं कि 10 मिनट में कुल 1650 गोलियां चला गई थीं जिनके निशान वहां आज भी मौजूद हैं।