धर्म

Chaitra navratri : आज से चैत्र नवरात्र प्रारंभ, जानें शुभ मुहूर्त…

chaitra navratri आज से मां शक्तिस्वरुपा के अराधना का पर्व चैत्र नवरात्र प्रारंभ होने जा रहा है। यह नवरात्र कई मायनों में सबके लिए खास होने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो 110 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग पड़ रहा है। जिससे लोग अपने आप धन्य बना सकते हैं। आज बुधवार के दिन नवरात्र प्रारंभ होने के चलते अभिजीत मुर्हूत नहीं रहेगा।

नवरात्र के सभी नौ दिन मां के अलग-अलग रुपों की अराधना की जाती है। आज पहला दिन घट स्थापना के साथ मां शैलपुत्री का पूजन किया जाता है। मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति को धन, ऐश्वर्य, सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥

नवरात्रि के समय मां दुर्गा का श्रृंगार किया जाता है. पूजा के लिए मां दुर्गा की तस्वीर या फिर प्रतिमा लें. इसके बाद बिंदी, सिंदूर, काजल, मेहंदी, लाल रंग का जोड़ा मंगल सूत्र, कमरबंद, चूड़ियां, बिछुआ, पायल आदि.

अब कलश के मुख पर अशोक के पत्ते लगाएं और स्वास्तिक बनाएं
अब इसमें साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें।
इसके उपरांत एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा बांधें।
अब इस कलश के ऊपर नारियल स्थापित करके देवि दुर्गा का आह्वान करें।
कलश के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल के धातु के अलावा मिट्टी का घड़ा शुभ माना गया है।

चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

फिर मंदिर की साफ-सफाई करके गंगाजल छिड़कें।

अब लाल कपड़ा बिछाकर उसपर अक्षत(चावल) रखें।

अब मिट्टी के पात्र में जौ बो दें और इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें।

 

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अब कलश के मुख पर अशोक के पत्ते लगाएं और स्वास्तिक बनाएं।

chaitra navratri अब इसमें साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें।
इसके उपरांत एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा बांधें।
अब इस कलश के ऊपर नारियल स्थापित करके देवि दुर्गा का आह्वान करें।
कलश के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल के धातु के अलावा मिट्टी का घड़ा शुभ माना गया है।

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