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यूक्रेन संकट: ध्वस्त टैकों और लाशों से पटी बूचा शहर की सड़कें, जानिए आंखों देखा हाल

Ukraine news: रूस के कीएव को घेरने और राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की की सरकार गिरा देने के सपनों का कब्रिस्तान है. ये वो जगह है जहां रूस के ये इरादे ज़मीदोज़ हो गए.

24 फरवरी को रूस के यूक्रेन पर हमला करने के दो से तीन दिन बाद ही यूक्रेनी सेना ने उन रूसी टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट कर दिया था जो बूचा से कीएव की ओर बढ़ रहे थे.

कई यूक्रेनी सेना की ओर से इस काफ़िले को नष्ट कर दिया गया था. इस शहर से रूस की सेना को कीएव की ओर बढ़ने के लिए यूक्रेनी सेना ने नाकों चने चबवा दिए थे.

बीबीसी की टीम बूचा पहुंची, क्योंकि शुक्रवार को बूचा से रूस ने अपनी पूरी सेना वापस बुला ली, ये क़दम क्रेमलिन के उस ‘शांत और तर्कसंगत’ फ़ैसले का हिस्सा है जिसके तहत वह पूर्वी यूक्रेन में युद्ध पर केंद्रित करना चाहता है.

रूस कह रहा है कि मध्य यूक्रेन में उसने अपने युद्ध का मक़सद हासिल कर लिया है और उनके मक़सद में कभी भी कीएव पर कब्ज़ा करना शामिल नहीं रहा है.

लेकिन सच ये है कि यूक्रेन की तरफ़ से अप्रत्याशित रूप से मिली टक्कर और सुव्यवस्थित विरोध की रूस को उम्मीद नहीं थी और यही वजह है कि यूक्रेन ने रूस को राजधानी कीएव के बाहर ही रोक दिया. इस बात की तस्दीक़ रूस की बर्बाद हुई टैंकों और बख्तरबंद वाहनों के मलबे कर रहे हैं जो अब तक बूचा की सड़कों पर ही पड़े हुए हैं.

बूचा में हुआ क्या था?

युद्ध में दो या तीन सप्ताह बाद ही रूसी सेना ने अपना मूमेंटम यानी गति खो दी. बूका की सड़कों पर ये साफ़ नज़र आता है.

रूस के एयरबॉर्न फ़ोर्स के एलीट ट्रूप बख्तरबंद वाहनों में शहर तक आए थे. ये वाहन इतने हल्के थे कि इन्हें विमान के ज़रिए एक जगह दूसरी जगह ले जाया जा सता था. ये एलीट फोर्स के लोग बूचा से कुछ मील दूर होस्टोमेल हवाई अड्डे पर उतर कर यहां तक आए थे. इस हवाई अड्डे को रूसी अर्धसैनिकों ने अपने कब्ज़े में ले लिया था.

जब रूसी सेना तोपों को बूचा से कीएव ले जा रही थी तो यूक्रेन की सेना की ओर से रूस को कड़ी प्रतिक्रिया मिली.

मलबे में तब्दील शहर

यहां सड़के संकरी और सीधी है, घात लगाने या छिप कर हमला करने के लिए एकदम आदर्श मानी जाती हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यूक्रेन ने तुर्की से खरीदे गए बायरख़्तर अटैक ड्रोन से रूस के काफ़िले पर हमला किया. आस-पास के इलाकों में रहने वाले अन्य लोगों ने कहा कि यहां यूक्रेनी सेना के साथ-साथ रक्षा वॉलेंटियर भी मौजूद थे.

हालाँकि यूक्रेन इस काफ़िले को रोक सका, रूस के मुख्य वाहनों को नष्ट कर दिया गया लेकिन ये मलबे को हाथ तक नहीं लगाया गया है.

अभी भी 30 मिमी तोप के गोले घास पर पड़े हुए हैं, कई और भी गोलों के ख़तरनाक टुकड़े सड़कों पर पड़े हुए हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि कई रूस के युवा सैनिक भाग खड़े हुए तो कुछ पकड़े जाने पर अपनी जान की भीख मांगने लगे.

70 वर्षीय एक शख़्स खुद को अंकल हैरिशा बताता है. वह कहता है, ” “मुझे उनके लिए दुख हो रहा था. वे 18 से 20 साल के लड़के थे उनके आगे उनका पूरा जीवन पड़ा हुआ था.”

ऐसा लगता है कि बूचा से बाहर निकलते रूसी सैनिकों में कोई दया नहीं थी. कम से कम 20 मृत रूसी सैनिक सड़कों पर पड़े हुए थे जब रूसी सेना ने बूचा का इलाका खाली किया. इनके हाथ पीछे की ओर बंधे हुए थे.

इस इलाके के मेयर ने बताया कि उन्होंने 280 लोगों का सामुहिक अंतिम संस्कार किया है.

इस इलाके में आम लोग जो ठहरे रहे उन्होंने बताया कि हमने रूसी सेना से बचने की कोशिश की. यहां बिलजी और गैस की सप्लाई नहीं थी तो हमने घरों के सामने आग जला कर उसी पर खाना बनाया

वॉलेंटियर लीव और जो जगहें युद्ध से प्रभावित नहीं थी वहां से मदद बूचा तक ला रहे थे.

मारिया नाम की एक महिला जिसके हाथ में प्लास्टिव का एक बैग था उसे दिखाते हुए कहा, ”बीते 38 दिनों में ये पहला ब्रेड है जो मैं खाने जा रही हूं.”

मारिया की बेटी लरीसा ने मुझे अपना सोवियत ज़माने की बनावट वाला अपार्टमेंट दिखाया.

बर्बादी का ये मंज़र आपको धीरे-धीरे होस्टोमेल एयरपोर्ट तक ले जाता है. रूसी सेना ने इस एयरपोर्ट को बेस की तरह इस्तेमाल किया था.

एयरपोर्ट पर बनाए गए विशाल हैंगर की छतों पर अब नुकीले छर्रों के ढेर सारे छेद नज़र आते हैं.

दुनिया का सबसे बड़ा परिवहन विमान यहां पहले ही नष्ट किया जा चुका है. इसका नाम था मार्रया, जिसका अर्थ होता है ख़्वाब. ये विमान टूटा हुआ पड़ा है, और इंजन के बड़े टुकड़े ज़मीन पर पड़े हुए हैं.

जो इस विमान के साथ हुआ है कुछ वैसा ही यूक्रेन के साथ हो रहा है. विमान यूक्रेन के गौरव का प्रतीक था, यूक्रेन की क्षमता के प्रतीक के रूप में इसे पेश किया गया था.

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