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गोल्ड मेडल जीतने से कैसे चूक गए भारतीय स्टार नीरज चोपड़ा? वजह जानकर हैरान होंगे आप

Neeraj Chopraवर्ल्ड एथलेक्टिस चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. नीरज चोपड़ा वर्ल्ड एथलेक्टिस चैंपियनशिप (World Athletics Championships) में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने हैं, लेकिन वह गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए इसकी बड़ी वजह सामने आई है. वजह जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.

इस वजह से नहीं जीत पाए मेडल 

एएनआई को दिए इंटरव्यू में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने कहा कि अमेरिका में परिस्थियां अच्छी नहीं थीं और हवा बहतु ही तेजी से चल रही थी. मुझे विश्वास था कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा. मैं रिजल्ट से संतुष्ट हूं, मुझे खुशी है कि मैं अपने देश के लिए पदक जीतने में सक्षम था.

ट्रेनिंग पर दूंगा ध्यान 

रजत पदक जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने कहा कि टूर्नामेंट कठिन था. प्रतियोगी अच्छी तरह से जैवलिन फेंक रहे थे. ऐसा करना बहुत ही मुश्किल काम था. मैंने आज बहुत कुछ सीखा है. गोल्ड मेडल जीतने की भूख हमेशा बनी रहेगी. हम हर बार स्वर्ण पदक नहीं जीत सकते हैं. मैं वह करूंगा, जो मैं कर सकता हूं और अपनी ट्रेनिंग पर फोकस करूंगा.

एंडरसन के लिए कही ये बात 

नीरज चोपड़ा को हराकर ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने गोल्ड मेडल जीता है. नीरज चोपड़ा ने उनके लिए बोलते हुए कहा कि यह आसान लग सकता है, लेकिन एंडरसन ने 90 मीटर को पार करने के लिए बहुत बड़ा प्रयास किया होगा. इस साल वह अच्छा कर रहे हैं और वह बहुत अच्छे थ्रो फेंक रहे हैं, कई 90 मीटर से ऊपर. मुझे खुशी है कि उन्होंने इतनी मेहनत की है. यह मेरे लिए भी अच्छा है, मेरे पास अच्छी प्रतिस्पर्धा है.

प्रेशर में नहीं हैं नीरज चोपड़ा 

नीरज चोपड़ा ने आगे बोलते हुए कहा कि मैं इस तथ्य से दबाव महसूस नहीं करता था कि मैं एक ओलंपिक चैंपियन हूं. तीसरे थ्रो के बाद भी मुझे खुद पर विश्वास था. मैंने वापसी की और रजत जीता, अच्छा लगा. अगली बार मेडल का रंग बदलने की कोशिश करूंगा .

नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास 

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नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. उनकी शुरुआत बहुत ही खराब हुई, लेकिन बाद में उन्होंने अपने प्रदर्शन को सुधार कर मेडल जीत लिया. उन्होंने 88.13 मीटर का थ्रो फेंक कर सभी का दिल जीत लिया. वह वर्ल्ड थेलेटिक्स चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पुरूष खिलाड़ी बने हैं. उनसे पहले साल 2003 में विश्व एथेलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक दिलाया था अंजू बॉबी जॉर्ज ने. उन्होंने लॉन्ग जम्प में देश को ब्रॉन्ज़ पदक जिताया था.

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