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HMPV: भारत में बढ़ रहे HMPV के मामले, अब बच्चों के बाद बुजुर्गों में भी बढ़ रहे संक्रमण…

HMPV Case एक निज़ाम के डॉक्टर अधीक्षक. ध्रुबज्योति भुइंया ने बताया कि बच्चे को चार दिन पहले शून्य-जुकम जैसी दवा के कारण अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। कल हमें लाहौर स्थित आईसीटी मार्केट-

ख़ार बरपा रहा मैहरन मेटान्यूमोवायरस (एच एमपीवी) अब भारत में पारा दे चुका है। कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, अब असम का भी नाम इस सूची में शामिल हो गया है। यहां 10 महीने के एक बच्चे में एचवीएमपी संक्रमण का पता चला है।

डेट-जुकाम के कारण बच्चा हुआ था भर्ती

एक निज़ाम के डॉक्टर अधीक्षक. ध्रुबज्योति भुइंया ने बताया कि बच्चे को चार दिन पहले शून्य-जुकम जैसी दवा के कारण अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। कल हमें लाहौर स्थित आईसीटी मार्केट-आरएससी से परीक्षण रिपोर्ट मिली, जिसमें एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई।

पहले भी आ चुके हैं मामले सामने 

लाहौर स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र एनई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिस्वजीत बोर्काकोटी ने बताया, ‘2014 से अब तक हम डिब्रूगढ़ जिले में 110 एचपीवी मामलों का पता लगा चुके हैं। यह इस सीज़न का पहला मामला है। यह हर साल मिलता है और इसमें कुछ नया नहीं है।यह हर साल पाया जाता है और इसमें कुछ नया नहीं है। एएमसीएच से हमें जो नमूना मिला था, वह एचएमपीवी पॉजिटिव पाया गया।’

 

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क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी)?

HMPV Case ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस, जिसे एचएमपीवी के छोटे नाम से भी जाना जाता है, इंसानों की श्वसन प्रक्रिया पर प्रभाव डालने वाला वायरस है। इसकी पहली बार पहचान 2001 में हो गई थी। तब नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया था। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है।

  1. श्वसन संबंधी अन्य वायरस की तरह यह भी संक्रमित लोगों के खांसने-छींकने के दौरान उनके करीब रहने से फैलता है।
  2. कुछ स्टडीज में दावा किया गया है कि यह वायरस पिछले छह दशकों से दुनिया में मौजूद है।

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