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मक्का की इन बेस्ट वैरायटी की खेती करके कमाईये लाखों रुपए, जानिए मक्का की खेती का उचित तरीका और लाभ

मक्का की इन बेस्ट वैरायटी की खेती करके कमाईये लाखों रुपए, जानिए मक्का की खेती का उचित तरीका और लाभ,दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे की कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सामान्य मक्का, क्वालिटी प्रोटीन मक्का, बेबी कॉर्नर,स्वीट कॉर्न,पॉपकॉर्न और चारे के लिए इसकी बीज दर अलग-अलग होती है. आपको तो पता ही है कि मक्का की बुवाई का समय नजदीक आ रहा है और और मक्का से किसानों को बहुत लाभ भी मिलता है. कई सारे किसान भाई इसे बहुत बड़ी मात्रा में उगाते हैं. यहां खरीफ की एक मुख्य फसल है जिससे कि भारत में आंध्र प्रदेश,बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान,एमपी, छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात और उत्तर प्रदेश सहित और भी राज्य में उगाया जाता है. आपको बता दे कि इसकी मांग भारत में साल भर बनी रहती है और इससे एथेनॉल बनाया जाता है. जिसके कारण आप इससे अच्छी खासी कमाई भी कर सकते हैं.

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दोस्तों इसकी खेती के लिए आपको मिट्टी का विशेष ध्यान रखना होता है. जिससे कि आपको इसकी पैदावार में वृद्धि देखने को मिल जाती है. सबसे पहले तो आपको बता दे की पूसा के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बताया गया है कि मक्के की खेती उचित जल निकासी युक्त बालू मटियार से दोमट मिट्टी में हो सकती है. जिसमे कि वायु संचार एवं पानी के निकासी की उत्तम व्यवस्था हो. साथ ही आपको बता दे कि इसकी बुवाई के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना काफी फायदेमंद माना जाता है. आपको बता दे कि जिस जमीन में नमकीन पानी की समस्या है वहां मक्का की बिजाई मेड के ऊपर के बजाय साइड में करें जिससे जुड़े नमक से प्रभावित न हो.इससे आपके मक्का की पैदावार भी अच्छी होगी.

मक्का की इन बेस्ट वैरायटी की खेती करके कमाईये लाखों रुपए, जानिए मक्का की खेती का उचित तरीका और लाभ

दोस्तों इसकी खेती के लिए आपको खेत की भी अच्छे से तैयारी करनी होती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे की जून से अगस्त के दूसरे सप्ताह तक की तैयारी कर लेनी चाहिए. सबसे पहले आपको बता दे कि खरीफ की फसल के लिए इसकी गहरी जुताई 15 से 20 सेंटीमीटर मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए. अगर आपका भी खेत गर्मियों में खाली है तो जुटा गर्मियों में करना अधिक फायदेमंद माना जाता है. इसमें यह होता है की खरपतवार कीट पतंगे वह बीमारियों की रोकथाम में सहायता मिल जाती है. इसी के साथ खेत की नमी को बनाए रखने के लिए आप काम से कम समय में जुटा करके तुरंत पाटा लगाना लाभदायक माना जाता है. आप जुटा करके खेत की मिट्टी को भुरभुरी बना ले. वहीं पर आप इसके लिए कल्टीवेटर या डिस्क हैरो का प्रयोग कर सकते हैं.

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बात करें इसकी बुवाई की तो आपको बता दे की इसकी बुवाई के समय बीच को 3.5 से 5 सेंटीमीटर गहरा बोना चाहिए. इससे होता यह है की मिट्टी में भी अच्छी तरीके से लग जाते हैं और अंकुरण अच्छा होता है. इसी के साथ आपको बता दे कि आप सामान्य मक्का के लिए प्रति एकड़ 8 से 10 किलो, क्वालिटी प्रोटीन मक्का के लिए 8 किलो, बेबी कार्न के लिए 10 से 12 किलो और स्वीट कॉर्नर के लिए 2.5 से 3 किलो के साथ ही पॉपकॉर्न के लिए 4 से 5 किलो बीज का प्रयोग कर सकते हैं. इसी के साथ आप अगर चेहरे के लिए इसे बोते हैं तो आप 25 से 30 किलो बीच का प्रयोग कर सकते हैं. ध्यान रहे की बुवाई से पहले मृदा जनित रोगों एवं कीट व्याधियों से बचने के लिए इसका कटक नसिया कीटनाशियो से उपचार कर ले.

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