"{""@context"":""https:""@type"":""Organization"",""name"":""RGH NEWS"",""url"":""https:""logo"":""https:}"RGH NEWS – PM मोदी ने किया नई संसद का उद्घाटन...
देश

PM मोदी ने किया नई संसद का उद्घाटन…

New Parliament Inauguration नए संसद भवन का उद्घाटन आज सुबह हुआ। राजनीतिक चर्चाओं के बीच इस नए भवन को लेकर ज्योतिषियों ने भी अपनी-अपनी राय जाहिर की है। मध्यप्रदेश के उज्जैन के श्री दत्त अनुष्ठान केंद्र के आचार्य पं. अक्षत जोशी ने ज्योतिषीय दृष्टि से नए संसद भवन को शुभ माना है। उन्होंने कहा कि 28 मई रविवार के दिन भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन होना ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत शुभ है। निश्चित रूप से भारत और शक्तिशाली रूप में उभर कर सामने आएगा

विक्रम संवत् के नल (वाचिक) संवत्सर के ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, के मध्य में हर्षण योग है, रविवार जो कि ग्रहराज सूर्य का वार है जिसे भुवनवार या भानुवार भी कहा जाता है। आज के दिन संसद में तमिलनाडु का ऐतिहासिक राजदंड (सेंगोल) के स्थापना से भारत का सूर्य देव सा शौर्य और हर्षण योग से देश में हर्षोल्लास सदैव बना रहेगा। ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष अष्टमी यह एक अनंत पुण्यदायी शुभ मुहुर्त है।

अभिजीत मुहूर्त में उद्घाटन देगा शुभ फल
अन्य ज्योतिषाचार्य का कहना है कि विक्रम संवत 2080, ज्येष्ठ मास, कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में संसद भवन के उद्घाटन का सारा कार्यक्रम संपन्न होना बहुत ही शुभ संकेत दे रहा है। 28 तारीख को कई प्रकार के शुभ योग बन रहे हैं। जैसे हर्षण योग, वज्र योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और यायिजय योग इन पांच योगों का संयोग इस दिन की शुभता बढ़ा रहा है।

जानकारों का मानना है कि संसद भवन का उद्घाटन अभिजीत मुहूर्त में किया गया। जैसा कि मान्यता है कि अभिजीत मुहूर्त में किया गया कोई भी कार्य का फल शुभ ही होता है। यदि पंचांग में कोई कमियां रह भी जाती हैं तो स्वतः यह दोष कट जाता है। साथ ही इस समय सिंह लग्न और सिंह राशि चल रही है। सिंह राशि को स्थिर लग्न, सबसे मजबूत और शुभ मुहूर्त माना जाता है। स्थिर लग्न में किया गया अनुष्ठान चिरकाल पर्यंत स्थिरता प्रदान करता है।

 

ज्योतिष की नजर में नए संसद भवन की विशेषता

त्रिकोण के आकार में बनी यह इमारत सत्व रजस और तमस को परिभाषित करते हुए षटकोण का आकार भी लेती है, जो जीवन में षट् रिपू (छः मनोविकार) को दूर करने का संदेश देते हैं। इसके साथ त्रिदेव की झलक भी दिखाई देती है। जब हम इस नई इमारत को देखते हैं, तो ऐसा लगता है कि एक त्रिभुज के साथ एक गोलाकार आकृति भी नजर आती है, जिसे शिव और शक्ति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

 

Also read IDBI Bank में 1,036 पदों पर निकली भर्ती, तुरंत करें आवेदन….

 

 

New Parliament Inaugurationजहां त्रिकोण रूप में शिव के त्रिशूल और शिवलिंग की परिकल्पना है, तो वहीं बिंदी के रूप में गोलाकार मां शक्ति की छाया नजर आती है और इन दोनों के मिलन से भगवान कार्तिकेय की उत्पत्ति हुई, जो सभी प्रकार की दुर्भावनाओं को दूर करते हुए शक्ति का संचार करने वाले माने जाते हैं। ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार के अनुसार ही यह नया संसद भवन यहां काम करने वाले लोगों, नौकरशाहों और सांसदों को ज्ञान शक्ति और कर्म का पाठ पढ़ाएगा। कह सकते हैं कि कुछ बाधाओं को छोड़ दें तो नए संसद भवन आने वाले सालों में भारत की चमकती छवि को पेश करेगी।

Related Articles

Back to top button