Raigarh News: नेतनागर में 10 वर्ष पहले हो चुका है भू-अर्जन, रिकॉर्ड में विभाग के नाम पर दर्ज भूमि पर ही कार्य करवा रहा सिंचाई विभाग

Raigarh News रायगढ़, 3 अप्रैल2023/ केलो परियोजना में चल रहे नहरों के कार्य के संबंध में जानकारी देते हुए केलो परियोजना के कार्यपालन अभियंता श्री पी.आर.फुलेकर ने जानकारी देते हुए बताया कि परियोजना का कार्य 2009 से शुरू हुआ है। इसमें बांध के साथ नहरों के निर्माण के लिए वर्षों पहले ही भू-अर्जन किया जा चुका है। नेतनागर में भी 10 वर्ष पहले ही जमीनें अधिग्रहित की जा चुकी हैं। इसके लिए मुआवजा भी विभाग द्वारा जारी किया जा चुका है। जो जमीन अधिग्रहित की गयी हैं वे रिकॉर्ड में सिंचाई विभाग के नाम से दर्ज है और इन्ही जमीनों पर ही विभाग नहर निर्माण का कार्य करवा रहा है। गौरतलब है कि पिछले दिनों जब नेतनागर में नहर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई तो एसडीएम रायगढ़ द्वारा इस संबंध में गांव में मुआवजा वितरण कैंप लगाकर किसानों को सूचना दी गई। जिसके पश्चात पुलिस कंट्रोल रूम में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने किसानों की बैठक लेकर विस्तार से इन सभी बिंदुओं पर जानकारी भी दी थी। श्री फुलेकर ने बताया कि नेतनागर में अर्जित भूमि का मुआवजा तैयार कर विभाग द्वारा जारी भी किया जा चुका है। इसे बांटने के लिए गांव में कई बार कैंप भी लगाया गया। उन्होंने कहा कि नहरों का निर्माण शासकीय परियोजना के तहत किया जा रहा है जिसे पूरा करने के लिए दिसंबर 2023 की समय-सीमा तय की गयी है। यह शासकीय कार्य है इसमें बाधा पहुंचाने पर कानूनी कार्यवाही का भी प्रावधान है।
Raigarh News श्री फूलेकर ने बताया कि केलो वृहत परियोजना की शुरुआत 2009 में हुई थी। इसकी लागत 891 करोड़ रुपए है। इसमें केलो डैम के निर्माण के साथ ही मुख्य नहर, शाखा और वितरक नहरों का निर्माण शामिल है। परियोजना में सभी प्रकार की नहरें मिलाकर कुल 313 कि.मी. की नहरें बनाई जानी है। जिसमें से 248 किमी की नहरें बन चुकी हैं। इसके लिए किसानों से भूमि अधिग्रहित करने तथा उनको मुआवजा वितरित करने के बाद ही विभाग द्वारा काम किया गया। परियोजना में नहरों का काम 80 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है। शेष कार्य को पूरा किया जा रहा है। जिससे परियोजना पूर्ण हो तथा नहरों के माध्यम से 175 गांवों तक सिंचाई के साथ पेयजल और निस्तारी के लिए पानी पहुंचाने की योजना क्रियान्वित हो सके।