News Raigarh: जिले में बेहतर पर्यावरण के लिए उद्योग तैयार करें रोडमैप: कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी
उद्योग अपने परिसर के आस-पास 2.5 कि.मी.की नियमित रूप से करवाएं सफाई

News Raigarh: रायगढ़, 5 जून 2025/ विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में उद्योगों और खदानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी ने कहा कि रायगढ़ एक औद्योगिक जिला है। यहां बहुत से उद्योग संचालित है। ये जिले और प्रदेश के विकास और रोजगार सृजन में योगदान देते हैं। लेकिन इनका असर यहां के पर्यावरण पर भी होता है। इसलिए यह सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार किया जाए जो पर्यावरण के लिहाज से बेहतर और प्रभावी हो। इसके लिए हमें मिलकर रोडमैप तैयार करना होगा।
कलेक्टर श्री चतुर्वेदी ने औद्योगिक प्रक्रियाओं में स्वच्छ प्रौद्योगिकी को अपनाने और गैर परंपरागत ऊर्जा उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने विशेष रूप से स्पंज आयरन उद्योगों में क्लीन एनर्जी माध्यमों पर निर्भरता बढ़ाने के लिए कहा। जो न केवल पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से अनुकूल होगा बल्कि परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से निकलने वाले अपशिष्ट और उसके निपटान की चुनौतियों को कम करेगा। सभी स्पंज आयरन एवं पॉवर प्लांट उद्योगों को स्वच्छ ईंधन तथा वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों सोलर पॉवर, प्राकृतिक गैस तथा बायोमास पैलेट आदि का समावेश अपनी औद्योगिक प्रक्रिया में कर कार्बन उत्सर्जन को कम करना चाहिए। सभी उद्योगों/खदानों को अपने द्वारा संचालित किये जा रहे हैं डीजल ईंधन वाहनों को सीएसपीडीसीएल की तर्ज पर हाइड्रोजन गैस तथा विद्युत संचालित वाहनों द्वारा प्रतिस्थापित करना चाहिए। उन्होंने आधुनिक मशीनरी और उन्नत तकनीकों का उपयोग बढ़ाने की बात उद्योग प्रतिनिधियों से कही। इस दौरान ऊर्जा स्त्रोतों के लिए किए जा रहे नवाचारी प्रयासों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी उद्योगों को पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदूषण निवारण के लिये नवाचार करने चाहिए जिससे जिले का वातावरण बेहतर हो।
कलेक्टर श्री चतुर्वेदी ने कहा कि इस मानसून उद्योगों द्वारा व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण करवाया जाए। उन्होंने आगामी 31 जुलाई 2025 तक सभी उद्योगों तथा खदानों को अपने अंतर्गत 1 स्थान पर ‘मियावाकी पद्धति’ से सघन वृक्षारोपण सुनिश्चित कराने के लिए कहा। उन्होंने सभी उद्योगों/खदानों को वेस्ट से उपयोगी वस्तुएँ बनाने के लिए अपने आस-पास की महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को संलग्न करना चाहिए। जिले में प्लास्टिक वेस्ट के बेहतर निपटान के लिये आरडीएफ फेसिलिटी विकसित करने की पहल की जानी चाहिए।
इस अवसर पर क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी श्री अंकूर साहू, खनिज अधिकारी श्री राजेश मालवे सहित उद्योग प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
*उद्योग अपने परिसर के आस-पास के 2.5 किमी सड़कों की करवाएं नियमित सफाई*
कलेक्टर श्री चतुर्वेदी ने सभी उद्योगों से कहा कि अपने परिसर के आस-पास की 2.5 कि.मी. सड़कों की साफ-सफाई तथा जल छिड़काव की जिम्मेदारी लेनी है जिससे उनके द्वारा परिवहन किये जाने वाले वाहनों से धूल उत्सर्जन की समस्या में कमी लाई जा सके। जिन 9 खदानों एवं 19 उद्योगों में रोड स्वीपिंग व्हीकल नहीं है उन्हे शीघ्र इसकी खरीदी कर अपने आस-पास की सड़कों की साफ-सफाई के लिए कहा। उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों द्वारा भी रोड स्वीपिंग व्हीकल के स्थान पर सस्ते विकल्प जैसे ट्रक माउण्टेड/ट्रेक्टर अथवा पोर्टेबल वाटर कैनन का प्रयोग कर अपने आस-पास की सड़कों की साफ.-सफाई करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सभी उद्योगों तथा खदानों को अपने एण्ट्री गेट पर व्हील वॉशिंग सिस्टम का संचालन नियमित रूप से करने की बात कही।
*उद्योगों में रेन वाटर सिस्टम जरूरी*
News Raigarh: रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के बारे में जानकारी लेते हुए कलेक्टर श्री चतुर्वेदी ने कहा कि सभी उद्योगों में अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उद्योगों को बड़े पैमाने पर पानी की जरूरत होती है। ऐसे में ग्राउंड वाटर रिचार्ज करने में भी गंभीरता जरूरी है। जिन उद्योगों में सिस्टम नहीं लगा है वे जल्द इसे लगवा लें।