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GST Rules: GST के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, जानें कैसे टैक्सपेयर्स पर होगा असर…

GST Rules:गुड्स एंड सर्विसेड टैक्स से जुड़े एक नियम में बदलाव (GST New Rules) हो गया है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) ने दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश के बाद जीएसटी से जुड़ी गिरफ्तारी के नियमों में बदलाव किया है. पढ़िए क्या- क्या बदला.

ये है नया नियम

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) ने बताया कि जीएसटी ऑफिसर्स को अब ऑफेंडर्स की ‘गिरफ्तारी के आधार (Grounds Of Arrest)’ के बारे में बताना होगा और उनसे लिखित एकनॉलेजमेंट प्राप्त करना होगा

 

गिरफ्तारी और जमानत के दिशानिर्देश

जीएसटी अधिनियम के तहत दंडनीय अपराधों के संबंध में गिरफ्तारी और जमानत के दिशानिर्देशों को संशोधित करते हुए सीबीआईसी ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी के कारणों के बारे में बताया जाना चाहिए और अरेस्ट मेमो के Annexure के रूप में उसे लिखित रूप में भी पेश किया जाना चाहिए. अरेस्ट मेमो की सर्विस के समय गिरफ्तार व्यक्ति से इसकी एकनॉलेजमेंट भी ली जानी चाहिए.

 

डिटेल में पढ़िए नियम

अगस्त 2022 में जारी किए गए पहले के दिशानिर्देश के अनुसार, जीएसटी अधिकारियों को गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी का आधार बताना होता था और अरेस्ट मेमो में इसे नोट करना होता था. यह निर्देश Kshitij Ghildiyal बनाम DGGI (दिल्ली) मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद जारी किए गए हैं.

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GST Rulesदिल्ली हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों पर भरोसा किया है, जिसमें ‘गिरफ्तारी के कारणों’ और ‘गिरफ्तारी के आधार’ के बीच अंतर किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘गिरफ्तारी के कारण’ और ‘गिरफ्तारी के आधार’ में महत्वपूर्ण अंतर है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, गिरफ्तारी के कारण सामान्य प्रकृति के हैं, जबकि गिरफ्तारी के आधार Accused के लिए पर्सनल हैं.

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