भोपाल AIIMS में 59 वर्षीय पिता ने अपने बेटे को दिया दूसरी बार जीवन जीने का मौका
भोपाल AIIMS में 59 वर्षीय पिता ने अपने बेटे को दिया दूसरी बार जीवन जीने का मौका
भोपाल AIIMS में 59 वर्षीय पिता ने अपने बेटे को दिया दूसरी बार जीवन जीने का मौका : भोपाल एम्स में पहला किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। इसके साथ ही हमीदिया के बाद शहर में एम्स किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला दूसरा सरकारी अस्पताल बन गया।
भोपाल AIIMS में 59 वर्षीय पिता ने अपने बेटे को दिया दूसरी बार जीवन जीने का मौका
Bhopal AIIMS :
एम्स भोपाल में पहली किडनी ट्रांसप्लांट प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न की गई है। भोपाल एम्स में सर्जरी 22 जनवरी, 2024 को हुई। इस प्रक्रिया से रीवा के 32 वर्षीय एक व्यक्ति की जिंदगी अब पूरी तरह से बदल गई है।मरीज को उसके 59 वर्षीय पिता ने अपनी किडनी दी। पिछले तीन वर्षों से गुर्दे की बीमारी से जूझ रहा था। एम्स प्रबंधन ने बताया कि रिसिवर और डोनर दोनों स्वस्थ है। एम्स के डायरेक्टर अजय प्रताप ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट करने से पहले मरीज की स्थिति बहुत नाजुक थी। ट्रांसप्लांट के बाद मरीज डॉक्टरों ने 10 दिन तक निगरानी की और एंटी रिजेक्शन दवा भी दी गई। जिससे शरीर किडनी को अस्वीकार न करें। बेहतर रिकवरी को देखते हुए मरीज को बुधवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
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AIIMS बना भोपाल का दूसरा किडनी ट्रासप्लांट अस्पताल :
भोपाल का हमीदिया अस्पताल के बाद एम्स किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला दूसरा सरकारी अस्पताल बन गया है। एम्स अस्पताल के डायरेक्टर ने कहा कि किडनी की बीमारी से जो भी बच्चे जूझ रहे है हमने कुछ बच्चों को चिन्हित किया है। अब उनका ऑपरेशन हमारा मिशन है। यह ऑपरेशन प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत किया गया है। जिससे की मरीज के परिवार को पैसो के सम्बंधित किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। और सभी को एक नया जीवन जीने का मौका मिलेगा।
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