RGH NEWS प्रशांत तिवारी सैनिक एवं उनका परिवारिक जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है एक भारतीय महिला को मां बहन बेटी पत्नी के रूप में सभी कर्तव्य निभाने पड़ते हैं उन कर्तव्यम को महिला सैनिक ड्यूटी करते हुए पूर्ण नहीं कर पा रही है इस कारण कई महिलाओं के जीवन में तलाक की नौबत आ रही है उक्त महिला सैनिक की दयनीय स्थिति को देखते हुए शासन स्तर पर उचित कदम उठाना चाहिए महिला नगर सैनिकों को मातृत्व अवकाश शासन द्वारा तीन महा प्रदान किया जा रहा है जबकि अन्य विभाग के सभी महिलाओं को 6 माह का मातृत्व अवकाश दिया जाता है
नगर सैनिक परिवार कल्याण एसोशियेशन छत्तीसगढ़ के सद्स्यगण ने आवेदन देकर कहा है की छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित कन्या
छात्रावास एवं आश्रम में महिला सैनिकों की ड्यूटी सुरक्षा हेतु लगाईं जाती है, जहाँ पर महिला सैनिक द्वारा लगातार ३० दिवस २४ घंटे डयूटी पर
उपस्थित रहने हेतु शासन द्वारा आदेशित किया गया है. इस प्रकार लगातार २४ घंटे ड्यूटी करने से महिला सैनिकों का पारिवारिक एवं सामाजिक
जीवन दुर्लभ हो गया है
छत्तीसगढ़ नगर सेना सैनिक परिवार कल्याण एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के सदस्य गण ने कहां है कि वर्तमान में नगर सैनिकों का मानदेय 13000 है जिसमें पिछले 4 वर्षों के दौरान बढ़ोतरी नहीं की गई है जबकि अन्य राज्यों में मध्य प्रदेश पंजाब हरियाणा में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार समान कार्य समान वेतन के तहत पुलिस आरक्षक के समान मानदेय दिया जा रहा है गृह मंत्रालय भारत सरकार से भी छत्तीसगढ़ शासन को 2015 में से वर्तमान तक 10 से 15 चुके हैं जिसमें नगर सैनिकों को मानदेय देने हेतु निर्देशित किया गया है