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सरकार ने चावल पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाया …

Rice Price सरकार ने उबले चावल के निर्यात पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी है. ये टैक्स देश में स्थानीय स्टॉक बनाए रखने और घरेलू कीमतों को कंट्रोल में रखने के लिए लगाया गया है. वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन में कहा कि 25 अगस्त को लगाया गया निर्यात शुल्क 16 अक्टूबर, 2023 तक प्रभावी रहेगा.

कस्टम ड्यूटी बंदरगाहों में पड़े उबले चावल पर नहीं लगेगी जिन्हें लेट एक्सपोर्ट ऑर्डर नहीं दिया गया है और 25 अगस्त, 2023 से पहले वैध एलसी यानी लेटर ऑफ क्रेडिट द्वारा बैक्ड हैं. इन प्रतिबंधों के साथ, भारत ने अब नॉन-बासमती चावल की सभी किस्मों पर प्रतिबंध लगा दिया है.देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में नॉन-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी लगभग 25 फीसदी है.

पिछले महीने नॉन बासमती पर लगाया था प्रतिबंध
पिछले महीने, सरकार ने डॉमेस्टिक सप्लाई को बढ़ाने और आगामी त्योहारी सीजन के दौरान रिटेल कीमतों को कंट्रोल में रखने के लिए नॉन बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. पिछले साल सितंबर में टूटे हुए चावल के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में लगभग 15.54 लाख टन नॉन-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह केवल 11.55 लाख टन था. खाद्यान्न की कीमतों में वृद्धि और अधिक निर्यात के कारण नॉन-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था.

 

15 महीनों की ऊंचाई पर महंगाई

खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी के बीच वार्षिक खुदरा या उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति जुलाई में 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो जून में 4.87 प्रतिशत थी. एक सप्ताह पहले भारत ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया था.

 

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बढ़गे का चावल का प्रोडक्शन

Rice Priceकीमत के हिसाब से 2022-23 में भारत का बासमती चावल का कुल निर्यात 4.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि मात्रा के हिसाब से यह 45.6 लाख टन था. पिछले वित्त वर्ष में नॉन-बासमती का निर्यात 6.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा. मात्रा के हिसाब से यह 177.9 लाख टन था. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत का चावल उत्पादन 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में बढ़कर 135.54 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष में 129.47 मिलियन टन था.

 

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