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देश

मोदी सरकार महिलाओं को बिजनेस करने के लिए दे रही है 1 करोड़ रुपये,ऐसे उठाये फायदा

नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐसे ही लोगों की मदद के लिए स्टैंड-अप इंडिया योजना (PM Stand-Up India Yojana) को शुरू किया हुआ है. बता दें कि एससी, एसटी और महिला उद्यमियों को अपने सपने को वास्तविकता में बदलने में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. 5 अप्रैल 2016 को केंद्र सरकार ने इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए स्टैंड-अप इंडिया योजना शुरू की थी.

 

2025 तक है इस योजना का कार्यकाल
इस योजना का उद्धेश्य आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देते हुए जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देना है. इस योजना का विस्तार वर्ष 2025 तक किया गया है. स्टैंड-अप इंडिया का उद्देश्य महिलाओं तथा अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के लोगों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है, ताकि व्यापार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने में तैयार और प्रशिक्षु दोनों प्रकार के उधार लेने वालों की मदद की जा सके.

स्टैंड-अप इंडिया का उद्देश्य  
महिलाओं, एससी और एसटी समुदाय के लोगों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है. साथ ही तैयार और प्रशिक्षु दोनों प्रकार के उधार लेने वालों को व्यापार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने के लिए कर्ज प्रदान करना है. अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रत्येक बैंक शाखा द्वारा कम से कम एक महिला और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कम से कम एक उधार लेने वाले को 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा.

 

स्टैंड-अप इंडिया से फायदा

स्टैंड-अप इंडिया योजना SC, ST और महिला उद्यमियों को उद्यम स्थापित करने, ऋण प्राप्त करने और व्यापार में सफल होने के लिए आवश्यक अन्य समर्थन की सुविधा प्रदान करने की मान्यता पर आधारित है. इसलिए यह योजना एक ऐसा इको-सिस्टम बनाने का प्रयास करती है, जो व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करे. यह योजना, बैंक शाखाओं से ऋण लेने वालों को अपने उद्यम स्थापित करने में सहायता के लिए ऋण-सुविधा देती है.

तीन तरीकों से मिल सकता है इस योजना का लाभ 

  • सीधे शाखा के जरिए
  • स्टैंड-अप इंडिया पोर्टल (www.standupmitra.in) के जरिए
  • लीड जिला प्रबंधक (एलडीएम) के माध्यम से

 

कर्ज के लिए पात्रता
इस योजना में 18 वर्ष से अधिक आयु के एससी, एसटी और महिला उद्यमी को कर्ज दिया जाता है. योजना के तहत ऋण, केवल ग्रीन फील्ड परियोजनाओं के लिए उपलब्ध हैं. ग्रीन फील्ड का मतलब है विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र और कृषि से संबद्ध गतिविधियों में लाभार्थी का पहला उद्यम. गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी और नियंत्रण हिस्सेदारी एससी, एसटी और महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए. कर्ज लेने वाला किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से दोषी करार नहीं दिया गया हो. योजना की शुरुआत से 23 मार्च, 2021 तक स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत 1,14,322 से अधिक खातों के लिए 25,586 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.

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