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ज्ञानवापी परिसर में क्‍या-क्‍या मिला? क्या बंद लिफाफे में ASI ने जिला अदालत में सबूत पेश किया?

Gyanvapi Survey  :वाराणसी।  परिसर में किए गए सर्वे की रिपोर्ट ASI ने जिला अदालत में पेश कर दी है. ASI ने सफेद कपड़े में लपेटकर रिपोर्ट पेश की है. एएसआई ने 24 जुलाई को सर्वे का काम शुरू किया था. बता दें कि 11 दिसंबर 2023 को एएसआई की ओर से कहा गया था कि सुपरिटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट अविनाश मोहंती का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ने और तबीयत खराब होने की वजह से वह अदालत में पेश होकर रिपोर्ट दाखिल कर पाने में असमर्थ हैं. इसलिए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय और दिया जाए. वाराणसी जिला जज की अदालत ने एक हफ्ते की मोहलत और देते हुए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 18 दिसंबर की तिथि नियत की थी.

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परिसर की बाहरी दीवारों (खासतौर पर पश्चिमी दीवार) शीर्ष मीनार तहखानों में परम्परागत तरीके से और जीपीएस जीपीआर समेत अन्य अत्याधुनिक मशीनों के जरिए साक्ष्यों की जांच की गई। चार अगस्त से दो नंवबर तक चले सर्वे के दौरान एएसआइ की टीम का नेतृत्व अपर महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने किया। एएसआइ को बीते 11 दिसंबर को रिपोर्ट दाखिल करनी थी लेकिन रिपोर्ट दाखिल नहीं की जा सकी।

ऐसी परिस्थिति में सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए सप्ताह का समय देने की अपील किया था जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए 18 दिसंबर को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक विधि से जांच-सर्वे करने के लिए पुरातत्वविद्, रसायनशास्त्री, भाषा विशेषज्ञों, सर्वेयर, फोटोग्राफर समेत तकनीकी विशेषज्ञों की टीम लगी रही।

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Gyanvapi Survey : ASI की ओर से सर्वे रिपोर्ट पेश किए जाने से पहले मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी. मुस्लिम पक्षकार ने कोर्ट से मांग की है कि वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में हुए एएसआई सर्वे की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश की जाए और बिना हलफनामे के किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की इजाज़त न दी जाए.

 

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