आबकारी विभाग रायगढ़ ने कलेक्टर श्री यशवंत कुमार और सहायक आयुक्त श्री दिनकर वासनिक के निर्देश पर त्योहारों में अवैध मदिरा रोकथाम हेतु सतत् दौरा कर प्रकरण कायम किये गये हैं।
श्री इन्द्रबली सिंह मारकण्डेय और श्री रमेश कुमार अग्रवाल, सहायक जिला आबकारी अधिकारियों ने शराब बनाने के बड़े अड्डों को चिन्हांकित कर दबिश दी है।
पुसौर क्षेत्र के गांव कठली में शराब बनाकर बेचने की सूचना पर उप निरीक्षक आशीष उप्पल ने आरक्षक शिव वैष्णव, सुन्दर प्रधान, जितेश नायक और श्रीकांत राठौर के साथ मुखबिरी कराई। रविशंकर निषाद पिता हरीसिंह के द्वारा अपने घर से शराब बिक्री किये जाने की पुष्टि हुई। टीम ने छापामार कर 10 लीटर शराब के साथ आरोपी को रंगे हाथों पकड़ा। आबकारी धारा 34(2) के तहत् उसे गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट रायगढ़ से रिमाण्ड पर जेल भेजा गया।
सरिया क्षेत्र के महुआपाली गांव में शीला सोनवानी की अवैध शराब बिक्री की शिकायत पर जांच में उप निरीक्षक को 10 लीटर शराब बेचते पाये जाने पर विधिवत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
खरसियां के सोनबरसा, जोबी और भदरीपाली इलाको में शराब के पाऊच और डिब्बो में भरकर देर रात बिक्री किये जाने की जानकारी एडीईओ श्री रमेश अग्रवाल को मिली। राकेश राठौर उपनिरीक्षक और निरंजन, गोपाल डनसेना आरक्षको नें जाँच मे इन तीनों जगहों से 116 लीटर शराब और 980 किग्रा महुआ लाहन पाया। भदरीपाली में तालाब किनारे में सात जगहों पर शराब बनाने के चूल्हे और उपकरण बरामद हुये। सोनबरसा और जोबी में 2-2 लीटर वाली कोल्ड ड्रिंक की बोतलों और 5-5 लीटर वाले जरीकेनों में शराब झाडि़यों और गढ्ढों में गोपनीय तरीके से दबाकर रखी गई थी, जो आरक्षकों की पैनी नजर से छुप न सकी ।
रायगढ़ केलो डेम के किनारे गेरवानी क्षेत्र में शराब बनाने की भट्ठियों पर उप निरीक्षक रमेश सिदार की टीम ने कार्यवाही की । डेम के डुबान में 20 प्लास्टिक बोरियों में भरा हुआ 200 किलो शराब तैयार करने का महुआ लाहन छुपाकर रखा हुआ पाया गया, मौके पर चार चढ़ी हुई भट्ठियों में शराब बनाये जाने के बरतन झांझी, झोकनी जप्त किये गये।
डेम के पानी में दो जेरिकेनो में भरी 10 लीटर शराब को छोडकर आरोपी तैर कर फरार हो गये। शराब के बड़े जखीरे की जप्ती से अपराधियों में हड़कंप व्याप्त है।
इस प्रकार त्योहार के पहले आबकारी विभाग ने डेढ सौ लीटर से अधिक शराब और बारह क्विंटल महुआ जप्त कर आरोपियों के विरूद्ध कोर्ट में चालान जमा किये हैं। इन पर अभियोजन सिद्ध होने पर एक से तीन साल की सजा के साथ पच्चीस हजार से एक लाख रूपये तक जुर्माने का प्रावधान है