UPI New Rules: गलत खाते में चला गया ऑनलाइन UPI Payment तो तुरंत मिलेगा पैसा; NPCI का नया नियम लागू…

UPI New Rules अक्सर यूपीआई ट्रांजैक्शन फेल होने या गलत जगह पैसे भेजने पर उपभोक्ताओं को टेंशन होती है। रिफंड के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। नेशनल पेमेंट्स ऑफ़ कॉर्पोरेशन ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस से जुड़े चार्जबैक सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है। नए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। जिससे यह प्रक्रिया पहले से ज्यादा व्यवस्थित और आसान होगी। सिस्टम ग्राहकों द्वारा की गई शिकायतों को लेकर अधिक जिम्मेदार भी होगा।
एनपीसीआई ने सभी बैंकों को “गुड फेथ चार्जबैक” दर्ज करने की अनुमति दी है। इससे संबंधित एक सर्कुलर जून 2025 में जारी किया गया था। नया नियम ग्राहक की असली ईमानदार शिकायत से संबंधित है, जो 15 जुलाई यानी आज से लागू हो चुका है। इसकी मदद से यूजर्स को कम समय में रिफंड मिलेगा।
क्या-क्या बदल गया? (UPI New Rules)
नया सिस्टम यानी “रिमिटिंग बैंकिंग रेजिंग गुड फेथ नेगेटिव चार्जबैक” को लागू किया गया है। अब यदि बैंक को लगता है कि ग्राहक की शिकायत सही है, तो वे बिना एनपीसीआई की मंजूरी खुद ही चारजबैक दर्ज कर सकते हैं। इससे कस्टमर का रिक्वेस्ट बार-बार रिजेक्ट नहीं होगा। शिकायतों का निपटान भी तेजी से होगा। विवाद समाधान में भी सुधार होगा। ग्राहकों के समस्याओं पर तुरंत एक्शन होगा। डिजिटल पेमेंट पर भरोसा भी बढ़ेगा।
पहले क्या था नियम?
अब अगर कोई बैंक किसी खाते या यूपीआई आईडी के लिए बार-बार समस्या दर्ज करता है, तो चार्जबैक रिजेक्ट को “नेगेटिव चार्जबैक दर” बताकर रोक दिया जाता था। यदि बैंक को लगता है कि ग्राहक की शिकायत सही है तो उन्हें एनपीसीआई को मैन्युअल वाइटलिस्ट की रिक्वेस्ट भेजनी पड़ती थी। इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता था। जिससे ग्राहकों को रिफंड मिलने में देरी होती थी।
बैंकों को सख्त निर्देश भी जारी
UPI New Rulesयह नियम गलत लेनदेन, फेल हुए ट्रांजैक्शन, व्यापारी विवाद जैसे मामलों से संबंधित शिकायतों पर लागू होता है। यदि आरजीएनबी का इस्तेमाल पेनल्टी से बचने के लिए किया जाता है तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।