Business

Tomato Rate Hike:  टमाटर ने बिगाड़ा सब्जियों का स्वाद, आइये जानते है आखिर टमाटर क्यों हुआ महंगा और कब घटेंगे दाम

Tomato Rate Hike:   भारी बारिश और तेज हवा के कारण टमाटर के फसल को काफी नुकसान हुआ है जिसके वजह से  टमाटर ने आजकल सब्जियों का स्वाद बिगाड़ रखा है। कई लोगों ने तो टमाटर इस्तेमाल करना छोड़ दिया है, क्योंकि टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। टमाटर 120 रुपये प्रति किलो बाजार में बिक रहा है। केंद्रीय मंत्रालय की रिपोर्ट से पता चला है कि 7 अक्टूबर को टमाटर की औसत कीमतें एक महीने पहले की तुलना में काफी बढ़ गई थीं।

Read more:Shardiya Navratri 2024 Day 7: माँ कालरात्रि को करे इन मंत्रो से खुश लगाए प्रिय भोग,जाने पूजा विधि

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के निर्देशों पर भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ ने दिल्ली में 65 रुपये प्रति किलोग्राम टमाटर बेचना शुरू कर दिया है, क्योंकि सोमवार को कुछ स्थानों पर टमाटर की खुदरा कीमतें 120-130 रुपये तक पहुंच गई थीं। कहीं-कहीं यह 160 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। देशभर में टमाटर कम से कम 80-90 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है।

Tomato Rate Hike

भारी बारिश के कारण टमाटर कि खेती पर पड़ा प्रभाव

किसानों ने बताया कि अचानक कीमतों में उछाल का मुख्य कारण उम्मीद से कम बुआई और सितम्बर के आखिरी सप्ताह में हुई भारी बारिश है। भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण टमाटर की फसल नष्ट हो गई। 20 सितंबर तक खरीफ की फसल टमाटर की बुआई 1.98 लाख हेक्टेयर जमीन पर हुई थी, जो पिछले साल की तुलना में कम है। प्याज साल में 3 बार उगाया जाता है और टमाटर एक बार खरीफ और एक बार रबी की फसल के रूप में बोया जाता है।

खरीफ की फसल के रूप में टमाटर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उगाया जाता है। रबी की फसल के रूप में इसे महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और कर्नाटक के कुछ इलाकों में उगाया जाता है। रबी वाले टमाटर की रोपाई फरवरी-मार्च में की जाती है और लगभग 160 दिन के बाद इसकी कटाई की जाती है। खरीफ की फसल वाले टमाटर की जून-जुलाई के बाद रोपाई की जाती है और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में इसकी रोपाई सितंबर तक जारी रहती है।

यह भी पढ़ें:UPI को लेकर RBI का बड़ा फैसला! बढ़ा दी एक बार की लेनदेन लिमिट

मक्का की मांग बढ़ने से टमाटर कि पैदावार काम

पुणे जिले के जुन्नार तालुका में टमाटर उगाने वाले अभिजीत घोलप ने कहा कि पिछले साल की भीषण गर्मी के कारण किसानों को इस साल टमाटर की बजाय मक्का जैसी फसल बोनी पड़ी। रबी की फसल वाला टमाटर 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान को झेल नहीं पाती। देश में मक्के का रकबा पिछले साल के 84.56 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस साल 88.50 लाख हेक्टेयर हो गया है। मक्का मौसम की मार झेल सकता है। इथेनॉल निर्माताओं में मक्का की मांग बढ़ रही है।

tomato-1-kg-product-images-o590003517-p590003517-0-202203170629

इसलिए भी लोग मक्का पैदा करने लगे हैं। पिछले साल खरीफ की फसल वाले टमाटर में बैक्टीरिया ने हमला किया था, जिससे फसल खराब होने पर नुकसान हुआ। टमाटर की खेती करने में बहुत ज़्यादा पैसे लगते हैं। कम से कम 1-2 लाख रुपये प्रति एकड़ बुआई के लिए चाहिए। बैक्टीरिया और संक्रामक बीमारियों के कारण लागत बढ़ जाती है, इसलिए टमाटर बोने पर नुकसान उठाना पड़ता है। यह भी एक कारण है कि किसान टमाटर की खेती से दूर हो गए हैं।

Tomato Rate Hike

आगामी दिनों मे टमाटर कीमत कब घाटेगी 

* महाराष्ट्र के नासिक के पिंपलगांव बसवंत के थोक बाजार में टमाटर का दाम 52-55 रुपये प्रति किलोग्राम है। आने वाले दिनों में टमाटर की कीमतें इसी स्तर पर रहने या और भी बढ़ने की उम्मीद है।

* दशहरे के बाद नासिक और तेलंगाना में ताजा फसल पैदा होगी, जो बाजार में आएगी तो उसके बाद ही टमाटर के दाम कम हो सकते हैं।

Read more:इस University से कर ले बीटेक मिलेगा ऐसा पैकेज की ज़िन्दगी मौज से काटेंगी,जाने

चूंकि :-

अगली फसल मार्च के आसपास ही बाजार में आएगी, इसलिए निकट भविष्य में टमाटर की खुदरा कीमतों में कमी आने की संभावना नहीं है। अगले साल मार्च के बाद ही इसके दाम घट सकते हैं।

 

Related Articles

Back to top button