Tax Saving Tips: इनकम टैक्स से अब ऐसे बचा सकते हैं अपनी कमाई हुई शेयर या म्यूचुअल फंड पैसा..
Tax Saving Tips : देश में बड़ी आबादी शेयर, म्यूचुअल फंड, गोल्ड या प्रॉपर्टी में निवेश करती है. निवेश और बचत के पीछे लोगों का उद्देश्य कमाई का होता है. अब चूंकि कमाई हो रही है तो इनकम टैक्स का भी हिसाब बनता है. कमाई कहीं से भी हो तो इनकम टैक्स की देनदारी बनती है. शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड भी अपवाद नहीं हैं. हां, कुछ ऐसे उपाय जरूर हैं, जो टैक्स सेविंग करने में आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं.
इनकम टैक्स के कानून में छूट का प्रावधान
इनकम टैक्स के कानून के मुताबिक, आपको टैक्स बचाने में अपना घर मदद कर सकता है. इनकम टैक्स कानून कहता है कि अगर आप रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी यानी मकान बेचकर मिले मुनाफे से नया घर खरीदते हैं, तो सेक्शन-54 के तहत टैक्स छूट मिलती है. वहीं, रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को छोड़कर किसी दूसरी संपत्ति जैसे- शेयर, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, जमीन समेत कमर्शियल प्रॉपर्टी को बेचकर मिले पैसों से नया घर खरीदने पर सेक्शन-54एफ के तहत टैक्स छूट मिलती है.
हालांकि सेक्शन 54एफ के तहत टैक्स छूट क्लेम करने के लिए कुछ शर्तें हैं. पहली शर्त- संपत्ति बेचने से होने वाली कमाई यानी मुनाफा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) होना चाहिए. दूसरी शर्त- टैक्स छूट के लिए सिर्फ मुनाफा नहीं बल्कि बिक्री से मिली पूरी रकम से घर खरीदना होगा.
कब माना जाएगा लॉन्ग टर्म गेन
किसी एसेट को बेचने से हुआ मुनाफा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन है या नहीं, यह होल्डिंग पीरियड यानी संपत्ति को कितने समय अपने पास रखकर बेचा गया है, इस पर निर्भर करेगा. अलग-अलग संपत्ति के लिए एलटीसीजी का क्राइटेरिया अलग है. उदाहरण के लिए, शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड खरीदने के 12 महीने बाद बेचने पर उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट और उससे होने वाली मुनाफे को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है.
इस तरह से बचेगा इनकम टैक्स
इसका मतलब हुआ कि अगर आप शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड को कम से कम 12 महीने अपने पास होल्ड करने के बाद बेचते हैं तो टैक्स बचाने के विकल्प खुल जाते हैं. सेक्शन 54एफ के तहत, नया घर खरीदकर आप टैक्स बचा सकते हैं. बस आपको ध्यान ये रखना है कि नया घर खरीदने या बनवाने के लिए सिर्फ मुनाफे का नहीं बल्कि पूरे पैसे का इस्तेमाल करना होगा.
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3 साल तक नहीं बेच पाएंगे घर
Tax Saving Tips : टैक्स छूट के लिए पुरानी एसेट ट्रांसफर होने यानी म्यूचुअल फंड यूनिट बेचने की तारीख से 2 साल के अंदर नया मकान खरीदना होगा. निर्माण की स्थिति में घर 3 साल के अंदर बन जाना चाहिए. अगर आप नया घर पुरानी एसेट बेचने से एक साल पहले भी खरीदते हैं तो छूट का लाभ उठा सकते हैं. जिस घर के लिए आपने सेक्शन 54एफ का एग्जम्पशन लिया है, उसे खरीदने या बनवाने के 3 साल के अंदर नहीं बेच सकते हैं, वरना एग्जम्प्शन समाप्त हो जाएगा और टैक्स भरना पड़ेगा.