Suspended IAS Ranu Sahu: छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला में निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू को नहीं मिली जमानत, 2 अप्रैल तक रहेंगी जेल में…

Suspended IAS Ranu Sahu: बिलासपुर। कोल लेव्ही के अलावा डीएमएफ घोटाले में संलिप्तता के बाद ईओडब्ल्यू व एसीबी ने आईएएस रानू साहू को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में बंद है। जेल से अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने प्रकरण की गंभीरता और जांच एजेंसियों की आपत्ति के बाद जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
कोल लेव्ही और डीएमएफ घोटाले में संलिप्तता के आरोप में आईएएस रानू साहू रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है। जेल से अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस एनके व्यास ने 31 जनवरी 2025 को फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस व्यास ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
दो और मामलों में होनी है गिरफ्तारी
आईएएस रानू साहू पर ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) और 13(1)(बी) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और 420 के तहत दर्ज दो अलग-अलग मामला दर्ज किया है। इन मामलों में गिरफ्तारी से बचने के लिए आईएएस रानू साहू ने हाई कोर्ट के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि आरोप गंभीर हैं और इसससे जुड़े साक्ष्य मजबूत हैं।
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आय से अधिक संपत्ति का मामला
Suspended IAS Ranu Sahuएसीबी और ईओडब्ल्यू में दर्ज शिकायत के अनुसार आईएएस रानू साहू पर आरोप है कि उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। कोल लेव्ही घोटाले में मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी के अवैध सिंडिकेट को अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मदद पहुंचाई है। सिंडिकेट कोयला डिलीवरी आर्डर और परमिट जारी करने के लिए प्रति टन 25 रुपये की अवैध वसूली करता था। वर्ष 2015 से अक्टूबर 2022 के बीच आईएएस रानू साहू और उनके परिवार ने कुल 24 अचल संपत्तियां खरीदीं। वर्ष 2011 से 2022 के बीच उन्हें वेतन के रूप में 92 लाख रुपये मिले, जबकि उन्होंने 3.93 करोड़ रुपये की संपत्तियां खरीदीं। इस आधार पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी