
Sonbhadra Mine collapse सोनभद्र के ओबरा थाना क्षेत्र में पत्थर खनन के दौरान बड़ा हादसा हो गया. अचानक पहाड़ी धंसने से कई मजदूर और एक कंप्रेसर ऑपरेटर मलबे में दब गए. भारी मलबा गिरने से मौके पर अफरातफरी मच गई और खदान क्षेत्र में हड़कंप फैल गया.
हादसे की सूचना मिलते ही एसडीएम और स्थानीय पुलिस टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया. हालांकि मलबा काफी भारी और ऊंचाई से गिरा है, इसलिए रेस्क्यू को तेजी से शुरू करना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है मौके की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है
जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि “पिछड़ा माइन्स क्षेत्र में दीवार जैसी संरचना गिरने की सूचना मिली है, जिसके चलते कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है. पुलिस कप्तान भी मौजूद हैं और सभी एजेंसियां मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं.” जिलाधिकारी के मुताबिक, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मिर्जापुर से पहुंच रही है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक किसी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
जब जिलाधिकारी से पूछा गया कि क्या यह खदान पहले से बंद थी, उन्होंने कहा कि ऐसा कोई संकेत नहीं है. उन्होंने बताया, “घटना कैसे हुई, इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी. यह भी पता लगाया जाएगा कि खनन के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं.”
इस बीच, उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री संजीव सिंह गौड़ ने घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा, “जबकि आज भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती का कार्यक्रम था, लेकिन लापरवाही के कारण इतना बड़ा हादसा हो गया. हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं. मुआवजा दिलवाया जाएगा और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.”
मंत्री ने यह भी कहा कि जानकारी के अनुसार आज खदानों में काम बंद रहने की सूचना थी, लेकिन फिर भी बंद खदान में काम कैसे शुरू हुआ. यह बड़ा सवाल है और जांच का विषय है. उन्होंने बताया कि घटना लगभग तीन बजे की है, लेकिन रेस्क्यू समय पर शुरू नहीं हो सका.
Sonbhadra Mine collapseमंत्री संजीव सिंह ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार लगभग बारह लोग मौके पर काम कर रहे थे. मलबा हटने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि वास्तव में कितने लोग दबे हैं और लापरवाही किसकी है. उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी



