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SEBI ने विजय माल्या को सिक्योरिटीज मार्केट से बैन किया

SEBI bans Vijay Mallya from securities market

स्टॉक मार्केट रेग्यूलेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने विजया माल्या के भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट से 3 साल के लिए बैन कर दिया है। भारत से भगोड़ा घोषित किए जा चुका शराब कारोबारी अब मार्केट में 3 साल तक किसी भी तरह से लेन-देन नहीं कर सकेगा।

सेबी ने शुक्रवार (26 जुलाई) को आदेश जारी कर कहा कि, विजय माल्या के सिक्योरिटीज मार्केट को एक्सेस करने पर रोक लगाई जाती है, साथ ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सिक्योरिटीज के खरीदने, बेचने या किसी भी प्रकार की डीलिंग करने या सिक्योरिटीज मार्केट के साथ किसी भी तरीके से जुड़ने पर 3 साल तक के लिए प्रतिबंध लगाया जाता है।

विजय माल्या पर देश के 17 बैंकों के करीब 9 हजार करोड़ रुपए बकाया हैं।

किसी भी सिक्योरिटीज की होल्डिंग भी फ्रीज रहेगी
सेबी ने कहा कि, विजय माल्या की किसी भी सिक्योरिटीज की होल्डिंग फ्रीज रहेगी। इसमें म्यूचुअल फंड्स में यूनिट्स भी शामिल हैं। विजय माल्या को लेकर सेबी का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो चुका है। सेबी इस बात की जांच कर रही थी कि माल्या अपने शेयरों की ट्रेडिंग में अप्रत्यक्ष रुप से शामिल है या नहीं।

सेबी की चीफ जनरल मैनेजर अनीता अनूप ने लिखा कि, इस मामले में अवेलेबल फेक्ट्स और मटेरियल पर गौर करने के बाद मैंने पाया कि माल्या ने न सिर्फ FII नियमों का उल्लंघन किया है, बल्कि भारत में मौजूद अपने ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में गलत तरीके से सिक्योरिटीज की खरीदी और बिक्री की। यह निवेशकों के हितों के खिलाफ था और इसका मकसद बाजार के प्लेयर्स को धोखा देना था।

अलग-अलग नाम से कई अकाउंट खोल रखे थे
सेबी ने जांच में पाया कि विजय माल्या ने हर्बर्टसन और यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (USL) के शेयरों में ट्रेड करने का तरीका ढूंढ निकाला था। उसने UBS बैंक में अलग-अलग नाम (बेसाइड, सनकोस्ट और बिर्चवुड) से कई अकाउंट खोल रखे थे, जिसका लाभार्थी वो खुद था। इन तीन यूनिट्स ने 6.15 मिलियन डॉलर ट्रांसफर किए जो विजय माल्या को गया था।

2019 में विजय माल्या को भगोड़ा घोषित किया गया
किंगफिशर एयरलाइंस समेत कई कंपनियों के मालिक रहे भारतीय बिजनेसमैन विजय माल्या पर देश के 17 बैंकों के करीब 9 हजार करोड़ रुपए बकाया हैं। माल्या 2016 में देश छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था, जहां से भारत सरकार उसे देश लाने का प्रयास कर रही है। माल्या पर फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के केस चल रहे हैं। 5 जनवरी 2019 को अदालत ने विजय माल्या को भगोड़ा घोषित कर दिया था।

पिछले साल जांच के दौरान CBI ने दावा किया था कि माल्या ने साल 2015-16 के दौरान ब्रिटेन और फ्रांस में 330 करोड़ रुपए की संपत्तियां खरीदी थीं। उस वक्त उसकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस घाटे में थी। माल्या ने खुद बैंकों को कर्ज नहीं चुकाया था। साल 2020 में ED की अपील पर फ्रांस ने वहां मौजूद माल्या की 14 करोड़ की प्रॉपर्टी को सीज कर लिया था।

फ्रांस ने शर्तों के साथ प्रत्यर्पण का ऑफर दिया
सरकार ने फ्रांस के अधिकारियों से बिना शर्त विजय माल्या को भारत को सौंपने की मांग की है। माल्या अभी ब्रिटेन में है, लेकिन भारत इस वक्त हर उस देश से संपर्क कर रहा है, जहां माल्या की प्रॉपर्टी है। ऐसा इसलिए, अगर माल्या ब्रिटेन छोड़कर दूसरे देश भागता है तो उसे वहां से भारत लाने में ज्यादा समय न लगे।

भारत और फ्रांस के बीच में माल्या के प्रत्यर्पण पर बातचीत 15 अप्रैल को काउंटर-टेररिज्म के वर्किंग ग्रुप की एक बैठक के दौरान हुई थी। फ्रांस ने इस बैठक में कुछ शर्तों के साथ माल्या के प्रत्यर्पण का ऑफर दिया, लेकिन भारत ने उनसे शर्तें हटाने को कहा है। बैठक में भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी केडी देवल शामिल हुए थे। इसके अलावा बैठक में इंटेलिजेंस एजेंसी के कई अधिकारी भी मौजूद रहे।

किंगफिशर कंपनी के बनने और दिवालिया होने की कहानी

पिता विट्ठल माल्या के निधन के बाद विजय माल्या ने 1978 में यूनाइटेड ब्रूरीज (UB) कंपनी के अंडर किंगफिशर प्रीमियम नाम से बियर कंपनी लॉन्च की थी।

44 साल की उम्र में माल्या UB ग्रुप के चेयरमैन बने। माना जाता है कि बियर को और प्रमोट करने के लिए माल्या ने 2005 में किंगफिशर एयरलाइन लॉन्च की।

इसके बाद IPL और फॉर्मूला वन टीम खरीदी। माल्या ने किंगफिशर के नाम से कैलेंडर निकालना भी शुरू किया था, जिसमें मॉडल्स को प्रेजेंट किया जाता था।

2011 से किंगफिशर एयरलाइन घाटे में जाने लगी, 2012 तक कुछ विमानों की उड़ान रोकनी पड़ी। कर्मचारियों को सैलरी मिलनी बंद हो गई। धरना प्रदर्शन हुए।

2012 के आखिर तक आधे से ज्यादा एयरक्राफ्ट्स की उड़ान ठप हो गई। 20 अक्टूबर को डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने लाइसेंस रद्द कर दिया।

फ्लाइट्स के ऑपरेशन्स को लेकर रेगुलेटर की शर्तें पूरी न करने पर यह कार्रवाई हुई। फरवरी 2013 में इंटरनेशनल फ्लाइंग राइट्स को भी सस्पेंड कर दिया गया।

जुलाई 2014 तक कंपनी पर करीब 9 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था, जिसे चुकाया नहीं गया था। इसके बाद कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था।

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