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RBI Imposes Penalty :RBI ने 3 सरकारी बैंकों के खिलाफ बड़ा एक्शन, जानिए ग्राहकों पर क्‍या होगा असर…

RBI Imposes Penalty: न‍ियमों का पालन नहीं करने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) की तरफ से बैंकों और एनबीएफसी (NBFC) के ख‍िलाफ कई बार जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाती है. कुछ द‍िन पहले ही आरबीआई ने एक एनबीएफसी का लाइसेंस रद्द कर द‍िया था. अब एक बार फ‍िर से आरबीआई ने (RBI) नियामकीय अनुपालन नहीं करने को लेकर जम्मू एंड कश्मीर बैंक (J&K Bank), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) और केनरा बैंक (Canara Bank) पर पेनाल्‍टी लगाई है.

तीनों बैंकों में से सबसे ज्‍यादा जुर्माना जम्मू-कश्मीर बैंक पर ही लगाया गया है. जम्मू-कश्मीर बैंक पर वित्तीय समावेशन- बैंकिंग सर्व‍िस तक पहुंच – बुनियादी सेव‍िंग बैंक ड‍िपॉज‍िट अकाउंट (BSBDA), ‘केवाईसी’ (KYC) और ‘ऋण और अग्रिम – वैधानिक और अन्य प्रतिबंध’ से संबंधित कुछ न‍ियमों के उल्लंघन के लिए 3.31 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. एक दूसरे प्रेस नोट में रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने के लिए बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

केनरा बैंक पर 1.63 करोड़ रुपये का जुर्माना

रिजर्व बैंक ने कहा, ‘प्राथमिकता क्षेत्र ऋण, जमा पर ब्याज दर और वित्तीय समावेशन – बैंकिंग सर्व‍िस तक पहुंच – बीएसबीडीए’ पर कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के केनरा बैंक पर 1.63 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.’ साथ ही, ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) द्वारा वित्तीय सेवाओं की ‘आउटसोर्सिंग’ में र‍िस्‍क मैनेजमेंट और कोड ऑफ कंडक्‍ट’ पर रिजर्व बैंक की तरफ से जारी निर्देशों का पालन नहीं करने के लि‍ए डेटसन एक्सपोर्ट्स पश्‍च‍िम बंगाल पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. हर मामले में रिजर्व बैंक ने कहा कि दंड, वैधान‍िक और नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित हैं. इनका मकसद संस्थाओं द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है.

 

ग्राहकों पर क्‍या होगा असर?

RBI Imposes Penaltyपहले भी न‍ियमों का पालन नहीं करने पर र‍िजर्व बैंक की तरफ से कई अलग-अलग बैंकों पर जुर्माना लगाया जा चुका है. लेक‍िन आपको बता दें आरबीआई (RBI) की तरफ से बैंकों पर इस तरह लगाए जाने वाले जुर्माने से ग्राहकों पर कोई असर नहीं होता. ग्राहकों का बैंक के साथ लेनदेन पहले की ही तरह सुचारू रूप से चलता रहता है. न ही बैंक की तरफ से ग्राहकों को द‍िये जाने वाले फायदे पर इसका कोई असर होता है.

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