Raigarh News: रायगढ़ में भारी वाहनों की मनमानी जारी नो एंट्री में लगभग 1 करोड़ से अधिक का चालान, पिछले साल की तुलना में 7 गुना ज्यादा कार्रवाई फिर भी ट्रैफिक पुलिस बदनाम

Raigarh News: RGH NEWS @Prashant Tiwari रायगढ़ नो एंट्री में प्रवेश करने वाले भारी बहनों पर पिछले साल की तुलना इस साल 7 गुनाई हुई है। इसके बाद भी शहरवासियों की नजरों में ट्रैफिक पुलिस बदनाम है। पुलिस द्वारा ऐसे हन वाहनों पर चालान कार्य के साथ चालकों का लाइसेंस निरस्त कराया जा रहा है, प्रकरण बना कर कोर्ट में भी पेश किया जा रहा है। इसके बाद भी भारी वाहन के मालिक व घातक सुधरने को तैयार हो नहीं है।

लाइसेंस निरस्तीकरण के 132 प्रकरण भेजे गए
ट्रैफिक पुलिस ने केवल चालान ही नहीं, बल्कि कई चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस भी निरस्त कराया है। अब तक 132 प्रकरण आरटीओ को भेजे जा चुके हैं, ताकि ऐसे नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई हो सके।
दरअसल शहर में भारी वाहन का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बाद भी भारी वाहन के चालक बीच शहर से गुजरते नजर आते हैं। पहले तो रात में शहर अब तो दिन में भी डंके की चोट पर चरी वाहन चालक शहर में घुस रहे हैं और नियमों की धनियां उड़ा रहे है। ऐसा नहीं है कि ट्रैफिक पुलिस ऐसे वाहनों पर कार्रवाई यातायात पुलिस द्वारा नो एंट्री में प्रवेश करने वाले 780 वाहनों पर 16 लाख रुपए की चालानी कार्रवाई ई की की गई गई। थी। वहीं इस साल के 9 माह में 4928 भारी वाहनों का 1 करोड़ 17 लाख 35 हजार

नो एंट्री में घुसने के बाद निकलना भी मुश्किल
शहर के अंदर आने के बाद बड़े वाहनों को वापस मोड़ना मुश्किल हो जाता है, जिससे सड़क पर लंबा जाम लग जाता है। कई बार ऐसे वाहन बस स्टैंड, मुख्य चौक या बाजार क्षेत्र में फंस जाते हैं और पूरे ट्रैफिक सिस्टम को बाधित कर देते हैं।
फिर भी क्यों बदनाम ट्रैफिक पुलिस?
ट्रैफिक पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई के बावजूद शहरवासियों में असंतोष है। लोगों का कहना है कि “कार्रवाई के बाद भी भारी वाहन शहर में घुसते हैं”, जबकि पुलिस का तर्क है कि “हम रोज कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन कुछ वाहन चालक नियमों को तोड़ रहे हैं।

यातायात पुलिस का कहना है कि वे सर्विलांस कैमरों और मोबाइल पेट्रोलिंग के जरिए लगातार निगरानी कर रहे हैं, और आने वाले समय में डिजिटल चालान सिस्टम और सीसीटीवी मॉनिटरिंग को और सख्त किया जाएगा ताकि ऐसे वाहनों को मौके पर ही पकड़ा जा सके।



