New Rent Agreement Act 2025: सरकार ने लागू किया नया रेंट एग्रीमेंट Rules; अब घर किराए पर लेना हुआ आसान, नए नियमों से मकान मालिकों की मनमानी खत्म

New Rent Agreement Act 2025: किरायेदार और मकान मालिक की हिसाब-किताब का कोई अंत नहीं है. अक्सर दोनों के बीच दूरी जैसी हरकतें बनी रहती हैं. कभी बिजली बिल को लेकर, कभी दरवाजे को लेकर तो कभी मोटर ऑन-ऑफ को लेकर विवाद हो जाता है. यही वजह है कि सरकार के कान तक यह मुद्दा पहुँचा और सरकार Rent Agreement नियम 2025 (New Rent Agreement Act 2025) लेकर आई है. दूसरी तरफ, इस खबर का अधूरा-अधूरा ज्ञान सोशल मीडिया पर आना लाजमी है. इसलिए हमने सोचा कि New Rent Agreement Act 2025 की पूरी जानकारी आपको विस्तार से दी जाए.
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रेंट एग्रीमेंट 2025 को समझने के लिए पॉइंटर्स से गुजर आइए
रेंट एग्रीमेंट की 60 दिन की डेडलाइन
रेंट एग्रीमेंट को अनिश्चित समय तक टालना अब संभव नहीं
60 दिनों के भीतर डिजिटल स्टैंप के साथ ऑनलाइन रजिस्टर्ड एग्रीमेंट अनिवार्य
रजिस्ट्रेशन न होने पर राज्यों के अनुसार ₹5,000 से जुर्माना लग सकता है
सिक्योरिटी डिपॉजिट की तय सीमा
मकान मालिक मनमाना डिपॉजिट नहीं मांग सकेगा
आवासीय मकान: अधिकतम 2 महीने का किराया
कमर्शियल प्रॉपर्टी: अधिकतम 6 महीने का किराया
किरायेदार पर भारी रकम का बोझ कम होगा
किराया बढ़ाने के सख्त नियम
मनचाही और अचानक किराया बढ़ोतरी पर रोक
किराया बढ़ाने के लिए 12 महीने पूरे होना जरूरी
90 दिन पहले लिखित नोटिस देना अनिवार्य
किरायेदार को आर्थिक स्थिरता मिलेगी
बिना सूचना घर में प्रवेश पर रोक
मकान मालिक बिना बताए घर में नहीं आ सकता
जांच या विज़िट से पहले 24 घंटे पहले लिखित सूचना जरूरी
किरायेदार की निजता सुरक्षित होगी
मरम्मत की जिम्मेदारी तय
जरूरी मरम्मत की शिकायत होने पर कार्रवाई जरूरी
मकान मालिक को 30 दिनों के भीतर मरम्मत करानी होगी
देरी होने पर किरायेदार खर्च किराए से काट सकता है
जबरन घर खाली कराने पर पाबंदी
मकान मालिक अपनी मर्जी से किरायेदार नहीं निकाल सकेगा
सिर्फ रेंट ट्रिब्यूनल के आदेश से बेदखली संभव
बेदखली केवल कानूनी आधार पर ही होगी
ट्रिब्यूनल को 60 दिनों में विवाद निपटाना होगा
पुलिस वेरिफिकेशन और सुरक्षा
किरायेदार के लिए पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य
जबरन निकालने, धमकाने या डराने पर सज़ा का प्रावधान
बिजली या पानी काटने पर कानूनी कार्रवाई होगी
डिजिटल पेमेंट और टैक्स नियम
₹5,000 से अधिक मासिक किराया डिजिटल माध्यम से देना अनिवार्य
₹50,000 से ज्यादा किराए पर धारा 194-IB के तहत TDS लागू



