MP Cabinet Meeting: मोहन कैबिनेट का बढ़ा फैसला, ट्रांसफर और महंगाई भत्ता को लेकर की बड़ी घोषणा..

MP Cabinet Meeting सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार, 29 अप्रैल को मध्यप्रदेश कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में सबसे महत्वपूर्ण फैसले में कर्मचारियों- अधिकारियों के तबादलों पर लगी रोक को हटा दिया गया है। ये तबादले 1 मई से 30 मई के बीच हो सकेंगे।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट मीटिंग के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के ट्रांसफर अब 1 मई से 30 मई 2025 के बीच हो सकेंगे। इसके लिए अधिकारी- कर्मचारियों को ऑनलाइन 30 मई तक ई-ऑफिस में स्थानांतरण के लिए अप्लाई करना होगा। 30 मई के बाद तबादले के लिए आवेदन करने वालों का ट्रांसफर नहीं हो सकेगा। विभाग अपने व्यवस्था के अनुसार ट्रांसफर नीति बना सकता है।
मोहन कैबिनेट के प्रमुख निर्णय…
टैक्सटाइल से सबसे ज्यादा रोजगार मिलता है, इसलिए इसे प्रतिस्पर्धा में लाकर स्थापित करना है। इससे रोजगार भी मिलता है।
पराली जलाने पर कड़ा निर्णय लिया गया है। किसानों से निवेदन किया है कि पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण होता है। फिर भी किसान यदि पराली जाएंगे, तो उनकी एक साल की सम्मान निधि रोक दी जाएगी। साथ ही उनके उपज को एमएसपी पर खरीदा नहीं जाएगा।
2028 की तबादला नीति सरकार ने स्वीकृत की है। ये ट्रांसफर 1 मई से 30 मई के बीच करना जरूरी है। इसके लिए 30 मई तक सारे स्थानांतरण ई-ऑफिस में डालने होंगे। 30 मई के आवेदनों पर विचार नहीं होगा। इसके लिए सभी मंत्री 30 मई तक ट्रांसफर कर दें। ट्रांसफर के लिए रेशो में चेंज किया गया है।
200 पदों तक 20 प्रतिशत ट्रांसफर
201- 1000 तक 15 प्रतिशत ट्रांसफर
1000- 2000 तक की संख्या तक 10 प्रतिशत ट्रांसफर
2000 से अधिक तक 5 प्रतिशत ट्रांसफर
स्वैच्छिक तबादलों को भी इसमें जोड़ने का मंत्रियों का आग्रह मुख्यमंत्री ने मान्य कर दिया है।
विभागों को ट्रांसफर नीति का अधिकार: कैबिनेट ने यह सुविधा दी है कि कोई विभाग अपनी ट्रांसफर नीति बना सकता है। इसे बनाकर सामान्य प्रशासन विभाग से स्वीकृत कराकर लागू कर सकता है।
महंगाई भत्ते की किस्त: सरकारी कर्मचारियों को 1 जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत एवं 1 जनवरी 2025 से 2 प्रतिशत महंगाइ भत्ते की अतिरिक्त किस्त मंजूर की। इससे कुल महंगाई भत्ता 55 प्रतिशत हो जाएगा और यह केंद्र सरकार के बराबर हो होगा। इस हिसाब से मप्र के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर हो जाएगा।
ग्रीन एनर्जी पर फोकस: मप्र- उप्र की डिमांड अलग-अलग समय पर होती है। हमारी डिमांड जब खत्म हो जाती है तब उप्र की डिमांड चालू होती है। एमपी में डिमांड कम होती, तब उप्र में बढ़ जाती है। इसलिए दोनों संयुक्त रूप से मिल कर 2000 मेगावाट का सोलर पार्क बना रहे हैं। जिसमें 1000 मेगावॉट भंडारण की क्षमता होगी, बाकी 1000 मेगावॉट खर्च कर सकेंगे। इसमें लगभग 3000 मेगावॉट का प्रोजेक्ट है। यह मुरैना के आसपास स्थापित होगा।
MP Cabinet Meetingराज्य सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर एक कमेटी का गठन किया है। यह 6 सदस्यीय कमेटी शासकीय कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक रूप से यूपीएस लागू करने पर विचार करेगी। इस कमेटी में अशोक वर्णवाल, मनीष रस्तोगी, लोकेश कुमार जाटव, तन्वी सुंद्रियाल, अजय कटेसरिया और जेके शर्मा को शामिल किया गया है। यह कमेटी भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार काम करेगी।