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Mamta Kulkarni out of Kinnar Akhara: “ममता कुलकर्णी” को महामंडलेश्वर से किया गया निष्कासित, जानिए आखिर क्या है वजह??

Mamta Kulkarni out of Kinnar Akhara बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को बड़ा झटका लगा है। उन्हें हाल ही में किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया है और आज अचानक इस पद से हटा दिया गया। इतना ही नहीं, किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायाण त्रिपाठी पर भी एक्शन लिया गया है। उन्हें भी महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया गया है।

 

दोनों पर ये कार्रवाई किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने की है। अजय दास ने बताया कि अब नए सिरे से किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन होगा और नए आचार्य महामंडलेश्वर का ऐलान होगा।

 

क्या बोले ऋषि अजयदास?

ऋषि अजयदास की तरफ से जारी किए गये पत्र में लिखा है कि लक्ष्मी नारायाण त्रिपाठी को धर्म प्रचार-प्रसार व धार्मिक कर्मकांड के साथ ही किन्नर समाज के उत्थान इत्यादि की आवश्यकता से उनकी नियुक्ति की गई थी, यह उस पद से सर्वदा भटक गए हैं। बिना संस्थापक के सहमति एवं हस्ताक्षर के उन्होंने जूना अखाड़ा एवं किन्नर अखाड़ा के बीच अनुबंध किया, जो ठीक नहीं है।

 

 

देशद्रोह के मामले में लिप्त महिला को बनाया महामंडलेश्वर!

Mamta Kulkarni out of Kinnar Akharaपत्र में आगे लिखा है कि आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और अन्य ने असवैधानिक ही नहीं अपितु सनातन धर्म व देश हित को छोड़कर ममता कुलकर्णी जैसे देशद्रोह के मामले में लिप्त महिला, जो फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी हुई है, उसे बिना किसी धार्मिक व अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग्य की दिशा के बजाय सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि व पट्टा अभिषेक कर दिया। जिस कारण से मुझे आज बेमन से मजबूर होकर देश हित सनातन एवं समाज हित में इन्हें पद मुक्त करना पड़ रहा है।

 

ऋषि अजयदास ने कहा कि ये लोग ना तो जूना अखाड़े के सिद्धांतों के अनुसार चल रहे हैं, ना ही किन्नर अखाड़े के सिद्धांतों से। उदाहरण के लिए किन्नर अखाड़े के गठन के साथ ही वैजन्ती माला गले में धारण कराई गई थी, जो की श्रृंगार की प्रतीकात्मक है, परंतु इन्होंने उसे त्याग कर रुद्राक्ष की माला धारण कर ली। जो कि संन्यास का प्रतीक है और सन्यास बिना मुंडन संस्कार के मान्य नहीं होता। ऋषि अजयदास ने आरोप लगाया कि सनातन धर्म प्रेमी व समाज के साथ एक प्रकार का छलावा किया जा रहा

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