Mahashivratri 2025: कल है महाशिवरात्रि, यहां जानें शुभ मुहूर्त पूजा विधि…

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि का व्रत फाल्गुन मास की के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. कहते हैं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए कुछ स्थानों पर महादेव के विवाह के लिए बारत भी निकालने की परंपरा है. हर जगह इस दिन अलग-अलग तरह से पूजा की जाती है, लेकिन हर में शुभ मुहूर्त में पूजा करने का खास महत्व होता है. मान्यता है कि शिवारात्रि के दिन शुभ मुहूर्त में पूरे विधि-विधान से पूजा करने वालों के जीवन में चल रही तमाम परेशनियां दूर होती हैं. वहीं विवाह में आ रही बाधाएं दूरी होती है. इसके अलावा भगवान शिव की कृपा से सभी कार्यों में सफलता मिलती है.
महाशिरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त |
महाशिवरात्रि के दिन निशिता काल में पूजा करने का खास महत्व है. पंचांग के अनुसार, इस दिन निशिता काल 26 फरवरी की रात 12 बजकर 9 मिनट से लेकर 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भक्तों को पूजा के लिए सिर्फ 50 मिनट का समय मिलेगा. इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन रात्रिजागरण का विशेष महत्व है और रात्रि में चार पहर की पूजा करना भी बहुत शुभ होता है, जिसका शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार है-
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय शाम 06 बजकर 19 मिनट से रात्रि 09 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय 09 बजकर 26 से फरवरी 27 को रात्रि 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय 27 फरवरी को रात्रि 12 बजकर 34 मिनट से 03 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय 27 फरवरी सुबह 03 बजकर 41 मिनट से सुब 06 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.
माशिवरात्रि व्रत पारण का समय |
महाशिवरात्रि व्रत का पारण शुभ मुहूर्त गुरुवार 27 फरवरी को सुबह 6 बजकर 48 मिनट से लेकर 8 बजकर 534 मिनट तक रहेगा. इस दौरान व्रत करने वाले भक्त भोलेनाथ की पूजा करने के बाद व्रत का पारण कर सकते हैं.
महाशिवरात्रि व्रत का महत्व
Mahashivratri 2025महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन जो व्यक्ति महादेव की पूजा करने के साथ व्रत का पालन करता है. उसे जीवन के सभी कष्टों से मु्क्ति मिलती है. इस अलावा यह जो भी अविवाहित कन्याएं शिवरात्रि का व्रत तथा पूजन करती हैं उसे जल्दी ही विवाह के योग बनते हैं और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है.