MAHAKUMBH 2025: महाशिवरात्रि पर संपन्न हुआ महाकुंभ, 45 दिनों में 65 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी…

MAHAKUMBH 2025: महाशिवरात्रि के दिन आखिरी दिन था महाकुंभ का। पिछले 44 दिन में 65 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं, यह आंकड़ा अमेरिका की कुल आबादी से दोगुना है, जो इसे एक विश्व रिकॉर्ड बनाता है। इसके अलावा, इस महाकुंभ में कई और ऐतिहासिक रिकॉर्ड भी दर्ज किए गए हैं। महाकुंभ, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, इस बार और भी भव्य रहा। इस बार के महाकुंभ में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया, जो पिछले सभी रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देता है। इसके अलावा, सुरक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भी यह आयोजन अब तक का सबसे बेहतरीन रहा।
इस महाकुंभ में कई अन्य रिकॉर्ड भी बने
सबसे बड़ा तंबू शहर: महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में 32,000 से अधिक तंबू लगाए गए, जो एक विश्व रिकॉर्ड है।
सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान: 1.25 लाख स्वच्छता कर्मियों ने लगातार काम करके मेले को स्वच्छ बनाए रखा।
सबसे बड़ा सुरक्षा अभियान: 20,000 से अधिक पुलिसकर्मियों और सुरक्षा बलों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की।
सबसे बड़ा डिजिटल कनेक्टिविटी: मेले के दौरान 1,000 से अधिक वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाए गए, जो श्रद्धालुओं को इंटरनेट सुविधा प्रदान करते थे।
धार्मिक गुरुओं और आयोजकों ने इस महाकुंभ को “मानवता के एकता और आस्था का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए शांति और सद्भाव का संदेश लेकर आया है।
महाशिवरात्रि के दिन संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं ने इसे “जीवन का सबसे पवित्र अनुभव” बताया। उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ में शामिल होकर उन्हें अद्भुत आध्यात्मिक शांति और ऊर्जा मिली।
पहली बार यूपी कैबिनेट की बैठक महाकुंभ में
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में योगी कैबिनेट की एक ऐतिहासिक बैठक महाकुंभ के दौरान आयोजित की गई। यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल ने महाकुंभ के पावन मेले के दौरान बैठक की। इस बैठक का आयोजन प्रयागराज में किया गया, जहां मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल ने महाकुंभ के आयोजन की समीक्षा की और आगे की योजनाओं पर चर्चा की।
यूपी सरकार ने 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया था
महाकुंभ शुरू होने से पहले यूपी सरकार ने 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया था लेकिन महाकुंभ के समापन होते-होते आंकड़ 65 करोड़ तक पहुंच गया। महाकुंभ शुरू होने से पहले यूपी सरकार ने 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया था लेकिन महाकुंभ के समापन होते-होते आंकड़ 65 करोड़ तक पहुंच गया। 2017 में 24 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी और 2025 में ये रिकॉर्ड टूट गया। महाकुंभ के शुरू होने से लेकर हर रोज 1.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई
महाकुंभ क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम से 160 गुना बड़ा था
महाकुंभ की व्यवस्था भी बड़े स्तर पर की गई थी। 4 हजार हेक्टेयर का महाकुंभ क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम से 160 गुना बड़ा था। महाकुंभ मेला क्षेत्र में रिकॉर्ड 25 सेक्टर बनाए गए। 2019 में 3200 हेक्टेयर में 20 सेक्टर बनाए गए थे। श्रद्धालुओं के स्नान के लिए संगम किनारे 13 किमी में 42 घाट बनाए गए। इसमें 10 पक्के घाट बनाए गए थे। गंगा -यमुना को पार करने के लिए 2213 पांटून से 30 पांटून पुल भी तैयार किए गए था 2019 में 22 पुल बनाए गए थे। सड़क बनाने के लिए 651 किमी लोहे की तकर्ड प्लेट बिछाई गई। इनमे से 2 हाइवे और 200 नई सडकें बनाई गई। इसके अलावा 4500 टन लोहे से बेला-कछार में एक अस्थायी स्टील ब्रिज बनाया गया।
MAHAKUMBH 2025 10 लाख से ज्यादा लोगों को अस्थायी रोजगार मिला
महाकुंभ में कारोबार के भी नए आयाम बने…यूपी सरकार ने महाकुंभ पर 75000 करोड़ खर्च किए थे जिसमे 2100 करोड़ केंद्र सरकार ने दिए..मेला प्राधिकरण ने 8 हजार से ज्यादा दुकानों का अलॉटमेंट कर 44.98 करोड़ रूपए कमाए। यूपी सरकार को टैक्स किराए जैसे माध्यमों से 25 हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई का अनुमान है। तो वही 10 लाख से ज्यादा लोगों को अस्थायी रोजगार मिला है।