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मधुमक्खी पालन के लिए सरकार करेगी ट्रेनर तैयार, वैज्ञानिक तरीकों से होगी तैयारी

मधुमक्खी पालन के लिए सरकार करेगी ट्रेनर तैयार, वैज्ञानिक तरीकों से होगी तैयारी  वर्तमान समय में किसान भाई पारम्परिक खेती के साथ-साथ खेती से जुड़े कई सरे बिज़नेस करते है, जिससे की किसानो की आमदनी में बहुत अधिक सुधार होता है. सरकार भी कई सरे खेती से जुड़े बिज़नेस को बढ़ावा देती है. ऐसे ही एक बिज़नेस के बारे में हम आज बात करेंगे-

आज हम मधुमक्खी पालन के बारे में चर्चा करेंगे. ये एक बहुत फायदे का बिज़नेस है.मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा बिहार के हर जिले के दस-दस मधुमक्खी पालकों को सरकार द्वारा मास्टर ट्रेनिंग दी जाएगी. जो भी युवा मधुमक्खी पालन कर रहे है पहले उनको ट्रैंनिंग दी जाएगी. जो की बाकि के जरूरतमंद लोगों को ट्रेनिंग देंगे. किसानों, पशुपालकों, मछली पालकों और मधुमक्खी पालकों की मदद के लिए सरकार कई योजनाएं लेकर आती है. अब एक राज्य के द्वारा इसको बढ़ावा देने के लिए और ऐसा करने वाले किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई योजना शुरू की है. बिहार राज्य में मधुमक्खी पालन बहुत बड़े बिज़नेस के रूप में आगे आ रहा है. जिसमें पैदावार बढ़ाने के लिए सरकार ट्रेनिंग देने की तैयारी शुरू कर रही है.

मधुमक्खी पालन के लिए सरकार करेगी ट्रेनर तैयार, वैज्ञानिक तरीकों से होगी तैयारी

सरकार के द्वारा बिहार में हर जिले के दस-दस मधुमक्खी पालकों को मास्टर ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसमे की मधुमक्खी पालन कर रहे युवाओं को पहले ट्रेनर बनाने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी.जिसके बाद ये ट्रेनर्स बाकि के जरूरतमंद लोगों को ट्रेनिंग देंगे. सरकार  ट्रेनर को मधुमक्खी पालन के लिए काम आने वाले वैज्ञानिक तरीकों के बारे में भी सिखाएगी.

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बिहार है अग्रणी

बिहार नेशनल लेवल पर शहद के उत्पादन के लिए अग्रणी हैं. बिहार में बहुत बड़े स्तर पर शहद का उत्पादन होता है इसके बाद भी जब शहद के निर्यात की बात आती है तो इस आंकड़े में बिहार की स्थिति अच्छी नहीं है. बिहार से कई सारे व्यापारी शहद खरीद कर ले जाते हैं और अपना ब्रांड लेबल लगाकर बेचते हैं.इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार राज्य में मधु यानी शहद की गुणवत्ता को बढ़ाने और ब्रांडिंग करने पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं.

बिहार के कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने अपने राज्य के सभी मधुपालकों को कहा है की वे लोग अच्छी क्वालिटी के शहद का ही उत्पादन करें. इसी के साथ शहद के निर्माण में किसी भी प्रकार की रासायनिक दवाइयों से भी बचें. ताकि लोगो को अच्छा और बेहतर शहद मिल सके.

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