गेहू की फसल देगी अच्छी पैदावार , इन बातो का रखे खास ध्यान
गेहू की फसल देगी अच्छी पैदावार , इन बातो का रखे खास ध्यान
गेहू की फसल देगी अच्छी पैदावार , इन बातो का रखे खास ध्यान : किसान फसल कोई भी हो, अच्छा मुनाफा कमाने और उत्पादन के लिए पहले से योजना बनाकर अहम योगदान रहता है गेहूं की अच्छी पैदावार के उपायों में खेत की तैयारी, बीज का चयन, जैविक खाद, समय पर जुताई, सिंचाई, खाद, कीट नियंत्रण, फसल को पकाना आदि के अलावा फसल को अच्छे बाजार तक पहुंचाना शामिल है।
गेहू की फसल देगी अच्छी पैदावार , इन बातो का रखे खास ध्यान
गेहू की अच्छी उपज के उपाय :
बुआई के समय जिन किसानों ने गेहूं में आयरन और जिंक नहीं डाला था ,और पत्ती पर इनकी कमी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, वे जिंक और आयरन डाल सकते हैं। जिंक और आयरन देने का खास तरीका होता है, जिसे किसानों को जरूर अपनाना चाहिए.कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, एक किलो जिंक सल्फेट और 500 ग्राम बुझा हुआ चूना 200 लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाना चाहिए। फिर हर 15 दिन के अंतराल पर गेहूं पर 2-3 बार यह छिड़काव करना चाहिए। इसी तरह मैगनीज की कमी वाले खेत में एक किलो मैगनीज सल्फेट को 200 लीटर पानी में घोलकर पहली सिंचाई के 2-3 दिन पहले छिड़क देना चाहिए।
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आयरन सल्फेट के 0.5 परसेंट घोल का छिड़काव साफ मौसम में खिली धूप के बीच गेहूं पर करने से फायदा मिलता है। ध्यान रखें कि गेहूं की फसल में पूरी अवधि के दौरान 35-40 सेंटीमीटर पानी की जरूरत होती है। जड़ें और बालियां बनते समय खेतों में सिंचाई करनी चाहिए. अगर गेहूं की बुआई समय पर की गई है तो उसमें 20-25 दिन बाद सिंचाई जरूर करें। अगर देर से गेहूं की बुआई हुई है तो उसमें 18-20 दिन बाद सिंचाई करनी चाहिए। पछेती गेहूं में हर 15-20 दिन बाद सिंचाई करते रहना चाहिए।
उर्वरक प्रबंधन :
गेहूं की फसल में मुख्य रूप से सिंचाई एवं मिट्टी में आवश्यक उर्वरकों का प्रबंधन करना आवश्यक माना गया है। खेत की तैयारी के समय पकी हुई गोबर की खाद, केंचुआ खाद की खाद, तालाब के तल की ऊपरी परत आदि का प्रयोग जैविक खादों में सर्वोत्तम माना गया है। किसान रासायनिक उर्वरकों की मदद से मिट्टी की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं।
यूरिया कितनी बार डाले :
गेहूं की अच्छी पैदावार पाने के लिए खेत में यूरिया डालना आम बात हो गई है। सिंचाई के बाद खड़ी फसल पर 100 लीटर पानी में 2 किलो यूरिया के साथ आधा किलो जिंक का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। यूरिया का उपयोग गेहूं की फसल के पूरे समय में 2 बार किया जा सकता है, जिसे 40-45 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव किया जा सकता है।
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