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EPFO: पीएफ कर्मचारियों के लिए वरदान है ईपीएस स्कीम, जाने योग्यता और शर्तें

EPFO: पीएफ कर्मचारियों के लिए वरदान है ईपीएस स्कीम, जाने योग्यता और शर्तें

EPFO: पीएफ कर्मचारियों के लिए वरदान है ईपीएस स्कीम, जाने योग्यता और शर्तें : लोग अक्सर EPF और EPS के बीच के अंतर को नहीं समझ पाते हैं, और दोनों को एक समझने की गलती करते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि EPS क्या है, ईपीएस में कितनी प्रकार की पेंशन योजनाएं हैं, आपकी सैलरी का कितना हिस्सा ईपीएफ अकाउंट में जाता है, EPS से आपको कितनी पेंशन मिलेगी और आप EPS अकाउंट से पैसे कैसे निकाल सकते हैं।

EPFO: पीएफ कर्मचारियों के लिए वरदान है ईपीएस स्कीम, जाने योग्यता और शर्तें

कर्मचारी पेंशन स्कीम :

कर्मचारी पेंशन योजना एक रिटायर्मेंट स्कीम है, जिसे ईपीएफओ द्वारा मैनेज किया जाता है। यह योजना संगठित क्षेत्र में काम कर चुके रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए है, जो 58 वर्ष की आयु में रिटायर हो चुके हैं। हालांकि, इस योजना का लाभ केवल तभी लिया जा सकता है, जब कर्मचारी ने कम से कम 10 साल तक नौकरी की हो। ईपीएफ को वर्ष 1995 में लॉन्च किया गया था और इस योजना में मौजूदा और नए ईपीएफओ सदस्य शामिल हो सकते थे।

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नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारी दोनों ही ईपीएफ फंड में कर्मचारी की सैलरी में से 12 प्रतिशत का समान योगदान करते हैं। हालांकि, कर्मचारी के योगदान का पूरा हिस्सा ईपीएफ में और नियोक्ता/ कंपनी के शेयर का 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएफ में और 3.67 प्रतिशत हर महीने ईपीएफ में जाता है।

ईपीएस स्कीम कर्मचारियों के लिए वरदान :

भारत की बड़ी स्कीम में शामिल ईपीएस लोगों का दिल जीतने का काम कर रही है। इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को हर महीना पेंशन का फायदा दिया जाएगा, जिसे जानना बहुत ही जरूरी है। इस योजना से संगठित क्षेत्र में काम कर चुके रिटायर्ड कर्मचारियों को लाभ मिलता है। जो कर्मचारी 58 साल की उम्र में रिटायर हो चुके हैं वे इस योजना का फायदा प्राप्त कर सकते हैं।

स्कीम की योग्यता और शर्तें :

ईपीएफओ की तरफ से चलाई जा रही कर्मचारी पेंशन योजना के तहत लाभ प्राप्त करने से जुड़ी शर्तों के बारे में जानिए निम्नलिखित जानकारियां देनी होंगी। इसके लिए ईपीएफओ के सदस्य होना जरूरी है। 10 वर्ष तक नौकरी की हो आपकी आयु 58 साल हो। आप 50 वर्ष की आयु होने पर ईपीएस से पैसा निकालने का काम शुरू कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको 2 साल के लिए अपनी पेंशन को रोक भी लगाने का काम कर सकते हैं। ईपीएफ, 1995 की टेबल-C पर निर्भर रहती है। न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाकर 1000 रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही मासिक पेंशन 15,000 रुपये तक बढ़ा दिया गया है।

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