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Cultivation of Turnip: जबरदस्त कमाई का जरिया बनी शलजम की खेती,जाने यूनिक तरीका

जबरदस्त कमाई का जरिया बनी शलजम की खेती

Cultivation of Turnip: जबरदस्त कमाई का जरिया बनी शलजम की खेती,जाने यूनिक तरीका आइये आज हम आपको बताते है शलजम की खेती करने का यूनिक तरीका जो आपको बनाएगा मालामाल तो बने रहिये अंत तक बताते है डिटेल में-

Cultivation of Turnip: जबरदस्त कमाई का जरिया बनी शलजम की खेती,जाने यूनिक तरीका

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Cultivation of Turnip हेतु उपजाऊ मिटटी

Cultivation of Turnip करने के बारे में प्लान कर रहे है तो इसकी खेती करने के लिए सबसे जरुरी इसकी उचित मिटटी का चुनाव करना जरुरी होता है।आपकी जनकरी के लिए बता दे की शलजम को विभिन्न जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है,लेकिन ठंडे मौसम इनके लिए उपयुक्त माना जाता है। शलजम के लिए 10°C से 24°C के बीच का तापमान उपयुक्त होता है।और इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी सबसे सही होती है। इसकी खेती के लिए तटस्थ मिट्टी की तुलना में थोड़ी अम्लीय मिट्टी उपयुक्त होती है। इसके आलावा शलजम को प्रतिदिन कम से कम 6 घंटे सूरज की रोशनी की जरूरत होती है। जिससे की पौधा अच्छे से वृद्धि कर सके। आपको बता दे की इसकी खेती करने के लिए रोपण क्षेत्र से खरपतवार और मलबे को साफ करना पड़ता है। मिट्टी को लगभग 6-8 इंच की गहराई तक जुताई कर ले। मिट्टी की उर्वरता में सुधार के लिए खाद जैसे कार्बनिक पदार्थ का इस्तेमाल करें।

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Cultivation of Turnip हेतु बुआई

Cultivation of Turnip के लिए इसके बीज सीधे तैयार मिट्टी में बो दिए जाते है।और इसकी खेती करने के लिए गहराई लगभग 1/4 इंच से 1/2 इंच सही मानी जाती है। 12-18 इंच की पंक्तियों में बीज को लगभग 2 इंच की दूरी पर रखना चाहिए।इस तरह से आप शलजम की बुवाई आसानी से कर सकते है और अगर हम इसकी बुवाई के बारे में बात करे तो आपको बता दे की इसके लिए मिट्टी को लगातार नम रखना चाहिए लेकिन ध्यान रहे की इसमें जलभराव नहीं होने देना चाहिए। शलजम की बुवाई के तुरंत बाद सिंचाई कर देना चाहिए। मिटटी के प्रकार और जलवायु के आधार पर गर्मी में 5-6 दिन में और सर्दी के मौसम में 10-12 दिन के अंतराल में सिंचाई कर देना उचित होता है। शलजम को कड़वा होने से बचाने के लिए सूखे के दौरान पानी देना जरुरी होता है।

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Cultivation of Turnip हेतु किस्मे

आपको बता दे की किस्म के आधार पर आमतौर पर देखा जाये तो शलगम की फसल बुवाई के बाद 50 से 60 दिनों में बनकर तैयार हो जाते हैं।और ध्यान रहे की इस फसल की खुदाई समय पर कर लेना चाहिए।क्योकि खुदाई में देरी होने के कारण इसकी फल रेशेदार होने लग जाती हैं। फसल की खुदाई के बाद शलगम की फसल को पानी से धोया जाता है।उन्हें टोकरी में भरा जाता है और फिर बेचने के लिए मंडी में भेज दिया जाता है।इसके फलों को ठंडे और नमी वाले हालातों में 2 से 3 दिन के लिए 8 से 15 सप्ताह के लिए स्टोर करके रखना हो तो उन्हें रखा जा सकते है।

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Cultivation of Turnip हेतु कमाई

यदि हम इसकी खेती में होने वाली कमाई के बारे में बताये तो आपको बता दे की यदि आप शलजम की खेती एक हेक्टेयर में करते है तो आपको लगभग 200 से 250 क्विंटल की उपज आसानी से प्राप्त हो जाती है।और भारतीय बाजार या मंडी में शलगम का भाव लगभग 2500 से 3000 रुपए/ प्रति क्विंटल तक होता है। इसका मतलब किसान भाई शलजम की खेती करके आसानी से 5 से 6 लाख रूपए की तगड़ी कमाई कर सकते है।

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