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कृषि समाचार

Cultivation of Fennel: बम्फर कमाई दिलाएगा सौफ की खेती का नया तरीका जाने प्रोसेस

बम्फर कमाई दिलाएगा सौफ की खेती का नया तरीका जाने प्रोसेस

Cultivation of Fennel: बम्फर कमाई दिलाएगा सौफ की खेती का नया तरीका जाने प्रोसेस आइये आज हम आपको बताते है श्रॉफ की खेती किस प्रकार की जाती है तो बने रहिये अंत तक बताते है डिटेल में-

Cultivation of Fennel: बम्फर कमाई दिलाएगा सौफ की खेती का नया तरीका जाने प्रोसेस

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सौफ कई समस्याओ के लिए उपयोगी है

कई औषधिय गुण पाए जाते हैं। इसे पाचन,कब्ज के उपचार,डायरिया,गले का दर्द और सिरदर्द के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है।और भारत में सौंफ की खेती मुख्य तौर पर राजस्थान,आंध्रप्रदेश,पंजाब,उत्तर प्रदेश,गुजरात,कर्नाटक और हरियाणा में की जाती है।अगर आप भी कम निवेश में अच्छे पैसे कमाना चाहते है तो,आप सौंफ की खेती कर तगड़ी कमाई कर सकते है।

सौफ की खेती के लिए आवश्यक मिट्टिया

अगर आप सौंफ की खेती करने के बारे में सोच रहे है तो,इसकी खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन सौंफ की खेती के लिए दोमट मिट्टी सर्वोत्तम मानी जाती है। इसके अलावा आप चुने से युक्त बलुई मिट्टी में भी इसकी खेती की जा सकती है।इसकी अच्छी फसल लेने के लिए उचित जल निकासी वाली भूमि होना आवश्यक है। रेतीली मिट्टी में इसकी खेती नहीं की जा सकती है।

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सौफ की किस्मे

आरएफ- 35
आरएफ- 101
आरएफ- 125
गुजरात सौंफ 1
अजमेर सौंफ- 2
दयपुर एफ- 31
चबाने वाली सौंफ की लखनवी किस्म को परागगण के 30-45 दिन बाद तुड़ाई कर सकते है।

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सौफ की कहकती की जानकारी

  • आपकी जानकारी के लिए बता दे की सौंफ की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत की जुताई करना होता है।और इसकी पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से तथा बाद में तीन से चार जुताई हल या कल्टीवेटर से कर के खेत को समतल बनाकर पाटा लगाते हुए एक सा बना लेना चाहिए।उसके बाद आखिरी जुताई में 150 से 200 टन गोबर की सड़ी हुई खाद को मिलाकर खेत को पाटा लगाकर समतल कर लेना चाहिए।इसके अलावा बीजों की बुआई करने के 30 और 70 दिन के बाद फास्फेट की 40 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टर में डाल देना चाहिए।सौंफ की खेती के लिए खेत तैयार हो गया है।
  • खेत तैयार होने के बाद खेत बुवाई के लिए तैयार है।आपको बता दे की बीज द्वारा सीधे बुवाई करने पर लगभग 9 से 12 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज लग जाता है।और अक्टूबर माह बुवाई के लिए सबसे उचित माना जाता है।लेकिन 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक बुवाई कर देना चाहिए।बुवाई लाइनों में करना चाहिए और इसके आलावा छिटककर बुआई भी की जाती है।सौंफ की रोपाई में लाइन से लाइन की दूरी 8 सेंटीमीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी 45 सेंटीमीटर होना चाहिए।
  • आपकी जानकारी के लिए बता दे की सौंफ की फसल लगभग 107 से 170 दिन में पककर तैयार हो जाती हैं।इस फसल की कटाई उस समय करें जब इसके बीज पूरी तरह से विकसित हो जाए।हालांकि इसके बीज का रंग हरा ही रहता है। इस लिए पहले एक डंडी को तोड़कर उसमें से बीज को निकालकर दोनों हाथों के बीच रगड़ कर देखना चाहिए, कि यह पूरी तरह से पक चुके हैं या नहीं।इसके बाद ही फसल की कटाई कर लेना चाहिए।

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