छत्तीसगढ़ न्यूज़ (समाचार)

अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @ 2047 हेतु छात्रों के विचारों का भी होगा दस्तावेजीकरण

रायपुर, 09 जुलाई 2024

छत्तीसगढ़ को 2047 तक विकसित राज्य बनाने के उद्देश्य को साकार करने के लिए राज्य नीति आयोग, उच्च शिक्षा विभाग तथा स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य नीति आयोग द्वारा ’अमृत काल: छत्तीसगढ़ विजन @ 2047’ दस्तावेज तैयार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य के सभी क्षेत्रों का तीव्र विकास सुनिश्चित करना है। इस के लिए सभी युवा नागरिकों, विद्यार्थियों से सुझाव लेने के लिए राज्य के समस्त महाविद्यालय और शासकीय एवं अनुदान प्राप्त तथा निजी उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों को ’’विकसित छत्तीसगढ़, मेरे सपने का खुशहाल छत्तीसगढ़’’ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करने होंगे, जिसका मूल्यांकन प्रासंगिकता, वर्तमान स्थिति का आंकलन, नवाचार, व्यवहार्यता, स्पष्टता और प्रस्तुतीकरण जैसे मानदंडों के आधार पर पैनल द्वारा किया जाएगा और सर्वश्रेष्ठ निबंधों को आयोग द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया जाएगा।
राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव श्री अनुप श्रीवास्तव एवं सदस्य श्री के. सुब्रमण्यम ने बताया कि छात्रों को अपने निबंध 1500 से 2500 शब्दों में हिंदी अथवा अंग्रेजी में लिखने होंगे। निबंध में छात्रों को छत्तीसगढ़ की वर्तमान स्थिति का आंकलन करना होगा, जिसमें राज्य के सामर्थ्य, कमजोरियों के आधार पर 2047 तक छत्तीसगढ़ को एक समृद्ध और समावेशी राज्य बनाने की अपनी कल्पना व दृष्टिकोण प्रस्तुत करना होगा। छात्रों को राज्य में उद्योग और सेवाओं में सुधार, कृषि और वानिकी में सुधार, गुणवतापूर्ण शिक्षा और कौशल विकास, गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधाएं, बुनियादी ढांचे का विस्तार, सामाजिक कल्याण, सुशासन और सतत् विकास जैसे विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत करने होंगे।
संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरड़िया ने बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को राज्य के विकास में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है, ताकि उनके सुझावों से छत्तीसगढ़ को एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर किया जा सके। राज्य नीति आयोग ने सभी छात्रों से इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है। छात्र अधिक जानकारी के लिए अपने महाविद्यालय/स्कूल के प्राचार्य से संपर्क कर सकते हैं।

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