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Business Idea : कम लागत में मशरूम की खेती से कमाए दोगुना मुनाफा ,देखिये पूरी जानकारी

Business Idea : कम लागत में मशरूम की खेती से कमाए दोगुना मुनाफा ,देखिये पूरी जानकारी

Business Idea : कम लागत में मशरूम की खेती से कमाए दोगुना मुनाफा ,देखिये पूरी जानकारी : मशरूम या अगरिकस बिस्पोरस न तो सब्ज़ी है और न ही फल, बल्कि यह खाई जाने वाली एक फंगस है। बाजार में इसकी अलग-अलग किस्में (ताजा व सूखा) उपलब्ध हैं; जिसमे ओएस्टर , पोर्सिनी और बटन सबसे आम किस्में हैं। आज हम इसकी खेती के बारे में जानकारी देंगे जिससे आप घर बैठे अच्छी कमाई कर सकते है।

Business Idea : कम लागत में मशरूम की खेती से कमाए दोगुना मुनाफा ,देखिये पूरी जानकारी

मशरूम की खेती :

मशरुम उत्पादन के लिए तैयार की गई सेड/झोपड़ी में बनी स्लेबों या बेडों पर पॉलिथीन सीट रखने के बाद 6-8 इंच मोटी कम्पोस्ट खाद की परत बिछा देते हैं, इसके बाद कम्पोस्ट खाद के ऊपर मशरुम के बीज/स्पॉन को मिला देते हैं। सौ किलोग्राम कम्पोस्ट खाद की बीजाई के लिए 500-750 ग्राम बीज पर्याप्त रहता है।

सफेद बटन मशरुम :

भारत में सफेद बटन मशरुम की खेती पहले निम्न तापमान वाले स्थानों पर की जाती थी, लेकिन आजकल नई तकनीकियों को अपनाकर इसकी खेती अन्य जगह पर भी की जा रही है। सरकार द्वारा सफेद बटन मशरूम की खेती के प्रचार-प्रसार को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। भारत में अधिकतर सफेद बटन मशरुम की एस-11, टीएम-79 और होर्स्ट यू-3 उपभेदों की खेती की जाती है। बटन मशरूम के कवक जाल के फैलाव के लिए 22-26 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है। इस तापमान पर कवक जाल बहुत तेजी से फैलता है। बाद में इसके लिए 14-18 डिग्री सेल्सियस तापमान ही उपयुक्त रहता है। इसको हवादार कमरे, सेड, हट या झोपड़ी में आसानी से उगाया जा सकता है।

मशरूम उगाने की विधि :

उत्तरी भारत में सफेद बटन मशरुम की मौसमी खेती करने के लिए अक्तूबर से मार्च तक का समय उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान मशरूम की दो फसलें ली जा सकती हैं। बटन मशरूम की खेती के लिए अनुकूल तापमान 15-22 डिग्री सेंटीग्रेट एवं सापेक्षित आद्रता 80-90 प्रतिशत होनी चाहिए। आपको बता दें मशरूम उगाने के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं होती है। इसकी खेती के लिए कंपोस्ट खाद की जरूरत होती है। इसके लिए आप धान की पुआल या गेहूं के भूसे की उपयोग कर सकते हैं। पहले जहां पर आपको इसकी बिजाई करना है, वहां भूसे की लगभग 1 फीट मोटी कंपोस्ट की तह बना लें।  उसे लगभग 1 से 2 दिन तक गिला रखें इससे कंपोस्ट में उपयुक्त नमी बनी रहे। कंपोस्ट में नमी होगी तभी मशरूम का अंकुरण अच्छा होगा।

कम्पोस्ट बनाने की विधि और बुवाई :

कम्पोस्ट बनाने के लिए नया भूसा ही प्रयोग करें। धान की पराली अथवा गेहूं के भूसे के स्थान पर सरसों का भूसा भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन सरसों के भूसे के साथ मुर्गी की बीट का प्रयोग जरूर  करें। कम्पोस्ट में नाइट्रोजन की मात्रा लगभग 1.5-2.5 प्रतिशत होनी चाहिए।

अगर आप मशरूम की खेती कमरे में कर रहे हैं तो कमरा ऐसा होना चाहिए जहां रोशनी और हवा आने की उचित व्यवस्था हो। अगर आपको ऐसा लगे कि कमरे में प्रकाश की कमी है तो बल्ब लगा दें। सुबह-शाम कुछ देर के लिए दरवाजे और खिड़कियां खोल दें। कवक जाल का बनाना-बीजाई के बाद इसके ऊपर पुराने अखबार बिछा दें और पानी से भिगो दें। समय-समय पर तापमान बढ़ने पर पानी का छिड़काव करते रहें जिससे कमरे का तापमान 22 से 26 डिग्री सेल्सियस तक बना रहे।  कमरे में 80 से 85 प्रतिशत तक नमी बरकरार रहनी चाहिए।

मशरूम की कटाई :

मिट्टी फैलाने के लगभग एक महीने बाद, मिट्टी से पहला मशरूम उगना चाहिए। खाने के लिए कटाई से पहले उन्हें पूर्ण परिपक्वता तक पहुंचने दें। एक बार जब मशरूम बनना शुरू हो जाए, तो मिट्टी को गीला करना जारी रखें। बीजाणुओं की एक ट्रे पहले अंकुरण के बाद 3-6 महीने तक मशरूम का उत्पादन कर सकती है। मशरूम परिपक्व हो जाएंगे, तो टोपी खुल जाएगी। तने को काटने के लिए एक तेज चाकू का उपयोग करें, ठीक नीचे जहां टोपी तने से मिलती है। कुछ माली तने को काटने से बचाने के लिए टोपियों को मोड़ना पसंद करते हैं।

मशरूम की खेती से कमाई :

 दो महीने में मशरूम तैयार हो जाएगा और आप इसे स्थानीय मार्केट और सब्जी मंडी में बेच सकते हैं। मशरूम के बीज आपको ₹20 किलो बहुत ही आसानी से मिल जाएंगे और आप इसे मार्केट में ₹120 से लेकर 160 रुपए किलो बेच सकते हैं। सालभर में सिर्फ एक कमरे में 3 से 4 लाख रुपए की इनकम आसानी से हो सकती है वह भी सिर्फ 50 से 60 हजार रुपए खर्च करने के बाद।

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