Bilaspur Train Accident: बिलासपुर ट्रेन हादसे की जांच रिपोर्ट में ड्राइवर ठहराया गया जिम्मेदार….

Bilaspur Train Accident : बिलासपुर ट्रेन हादसे के मामले में रेलवे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। मंगलवार को लालखदान क्षेत्र में मेमू ट्रेन और खड़ी मालगाड़ी की टक्कर में 11 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें एक लोको पायलट भी शामिल था। अब रेलवे ने अपनी पहली जांच रिपोर्ट में इस हादसे के लिए ट्रेन क्रू, यानी चालक दल को जिम्मेदार ठहराया है।
प्रारंभिक रिपोर्ट में ड्राइवर को बताया जिम्मेदार
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन संख्या 68733 (मेमू लोकल) के चालक दल ने लाल सिग्नल पर ट्रेन को नियंत्रित नहीं किया, जिसके चलते यह खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इसे रेलवे की तकनीकी भाषा में ‘SPAD’ यानी Signal Passed At Danger कहा जाता है। जांच टीम के पांच सदस्यों में से तीन ने रिपोर्ट पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि सिग्नल और दूरसंचार विभाग के प्रतिनिधि ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
मृत लोको पायलट को ठहराया गया दोषी
रेलवे की यह जांच रिपोर्ट उस समय की याद दिलाती है जब अहमदाबाद विमान हादसे में भी मृत पायलट को दोषी ठहराया गया था। बिलासपुर हादसे में भी मृत लोको पायलट पर जिम्मेदारी डालने को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। रेलवे विशेषज्ञों ने रिपोर्ट में किसी तकनीकी गड़बड़ी या सिस्टम फेल्योर की संभावना से इंकार किया है, जिससे अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या जांच पूरी तरह निष्पक्ष हुई है?
भीषण टक्कर से डिब्बे क्षतिग्रस्त
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मेमू ट्रेन के दोनों मोटर कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू हुआ, और शाम 4:30 बजे ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू किया गया। सहायक लोको पायलट को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी श्वास विश्लेषण जांच नहीं हो पाई।
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CRS ने किया निरीक्षण, कल से शुरू होगी विस्तृत जांच
घटना के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) ने आज मौके का मुआयना किया और अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। कल, यानी 6 नवंबर से CRS टीम इस हादसे की विस्तृत जांच शुरू करेगी। रिपोर्ट के अंतिम निष्कर्ष इसी जांच के बाद सामने आएंगे।
Bilaspur Train Accidentरेलवे प्रशासन का कहना है कि हादसे के असली कारणों की पुष्टि अंतिम जांच के बाद ही की जाएगी। हालांकि, इस प्राथमिक रिपोर्ट से रेल सुरक्षा व्यवस्थाओं और सिग्नल सिस्टम की विश्वसनीयता पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं



