भिंडी की खेती बना देंगी आपको धन्नासेठ कम लागत में होंगी मोटी कमाई,जाने इसे करने का सही तरीका
भिंडी की खेती बना देंगी आपको धन्नासेठ कम लागत में होंगी मोटी कमाई
भिंडी की खेती बना देंगी आपको धन्नासेठ कम लागत में होंगी मोटी कमाई,जाने इसे करने का सही तरीका भिंडी की सब्जी कौन नहीं खाना पसंद करता जाने कितने लोगो की पहली पसंद है बिंदी कई सारी चीज़ो में भिंडी का उपयोग किया जाता है लेकिन इसकी जितनी ज्यादा में मात्रा में मांग है उतनी ही मात्रा में उनती आप समझ सकते है की कितनी अधिक मात्रा में कमाई हो सकती है जानने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहे
भिंडी की खेती बना देंगी आपको धन्नासेठ कम लागत में होंगी मोटी कमाई,जाने इसे करने का सही तरीका
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भिंडीकी बुवाई(sowing of okra)
भिंडी की बुआई के उन्नत किस्म के बीजों का चयन करें और बीजोपचार कर लें. बुवाई के समय लाइन से लाइन की दूरी कम से कम 40 से 45 सेमी. तक रखें. अगर खेत उपजाऊ और सिंचित है तो एक हैक्टेयर भूमि के लिये 2.5 से 3 किग्रा. बीजदर और असिंचित भूमि में 5 से 7 किग्रा बीजों के साथ बुवाई का काम करें. भिंडी की खेती के लिये नर्सरी तैयार करने की जरूरत नहीं होती, इसलिये बीजों को सीधा खेतों में बोयें और हल्की सिंचाई का काम करें.
पोषण प्रबंधन(Nutrition Management)
अच्छे उत्पादन के लिये जरूरी है कि फसल और मिट्टी को समय पर पोषण प्रदान किया जाये. भिंडी की फसल में पोषण प्रबंधन करने के लिये एक हैक्टेयर खेत में 15-20 टन गोबर की खाद और 80 किग्रा. नाइट्रोजन के साथ 60 किग्रा. पोटाश को मिलाकर खेत में डालें. ध्यान रखें कि नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई से पहले और आधी मात्रा 40 दिन बाद खेतों में डालनी चाहिये.
सिंचाई और खरपतवार(Irrigation and weeding)
- वैसे तो भिंडी वर्षा आधारित फसल है, इसमें अलग से सिंचाई की जरूरत नहीं होती.
- फसल को पोषण और मिट्टी में नमी प्रदान करने के लिये बुवाई के 10-12 दिन बाद सिंचाई जरूर करें.
- बुवाई के 10-15 दिनों बाद खेतों में खरपतावार उग आते हैं, जो भिंडी के पौधों को बढ़ने से रोकते हैं.
- इसके लिये समय-समय पर निराई गुड़ाई करते रहें.
- खेतों में उगने वाले अनावश्यक पौधे और खरपतवारों को उखाड़कर जमीन में गाड़ देना चाहिये
लागत और आमदनी(Costs and revenues)
भिंडी की खेती बना देंगी आपको धन्नासेठ कम लागत में होंगी मोटी कमाई,जाने इसे करने का सही तरीका
आमतौर भिंडी की खेती झारखंड, मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब, उत्तरप्रदेश, असम, महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान में की जाती है. यहां के किसान चाहें तो 1 लाख रुपये की लागत के साथ भिंडी की फसल लगाकर 5 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं. इसकी खेती से किसान को 3-4 लाख तक शुद्ध लाभ मिल जाता है.