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Baisakhi 2025: आज मनाया जा रहा है बैसाखी का पर्व, जानिए कब और कैसे मनाया जाता है यह त्योहार

Baisakhi 2025: धार्मिक मान्यता के अनुसार, बैसाखी के दिन ही सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करते हैं हर साल वैशाख माह के पहले दिन बैसाखी का पर्व मनाया जाता है।  इस बार यह बैसाखी का पर्व आज यानि 13 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर लोग घरों में खास पकवान और नाच-गाने का आयोजन किया जाता है।  देश और विदेश में गुरुद्वारों में अधिक रौनक देखने को मिलती है

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बैसाखी का धार्मिक महत्व

बैसाखी का पर्व सिख धर्म के लोगों के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखता है. इस दिन सिखों के दसवें गुरु यानी गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. गुरु जी ने इस दिन सभी जातिगत भेदभावों को समाप्त कर एकता का संदेश दिया था. गुरु गोबिंद सिंह जी के नेतृत्व में खालसा पंथ की स्थापना ने समाज को एकजुट करने के लिए मजबूत कदम उठाया था.

बैसाखी के अवसर पर सिख धर्मावलंबी गुरुद्वारों में विशेष अरदास करते हैं. इस दिन विशेष रूप से गुरुद्वारों में भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है और साथन ही नगर कीर्तन की परंपरा निभाई जाती है. इस दिन लोग अपने पवित्र कर्तव्यों को याद करने, गुरु के बताए मार्ग पर चलने और धर्म के प्रति अपनी आस्था को और गहरा करने का अवसर मानते हैं.

 

*वैशाख पर्व का ब्रम्हा मुहूर्त*

 

वैदिक पंचांग के अनुसार, आज दिनांक 13 अप्रैल को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि तिथि है। इसी दिन बैसाखी का पर्व मनाया जाता है और प्रतिपदा तिथि से वैशाख माह की शुरुआत होती है।

बैसाखी का पर्व हर साल मेष संक्रांति के दिन मनाया जाता है, जो कि आमतौर पर 13 या 14 अप्रैल को होती है. इस साल बैसाखी 13 अप्रैल 2025 को मनाई जा रही है. इस दिन की महत्ता किसानों के लिए बहुत ज्यादा होती है, क्योंकि यह नई फसल की बुवाई और कटाई का वक्त होता है

* ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 28 मिनट से 05 बजकर 13 मिनट तक

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