लॉकडाउन की ओर बढ़ते कदम! XBB 1.16 वेरिएंट ने बढ़ाई टेंशन

Corona new veriant: कोरोना वायरस का प्रकोप एक बार फिर बढ़ने लगा है। पिछले कुछ महीनों से शांत इस जानलेवा वायरस के मामले दोबारा बढ़ रहे हैं। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1573 नए मामले दर्ज किये गए हैं। मौजूदा समय में कोरोना के एक्टिव मामले 10,981 हो गए हैं और अब तक कुल मरने वालों की संख्या 5,30,841 हो गई है। इस बीच INSACOG ने कोरोना के नए वेरिएंट एक्सबीबी.1.16 को लेकर रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार देश में इस वेरिएंट के कुल 610 मामले पाए गए हैं।
इस वेरिएंट के यहां मिले संक्रमित
कोरोना के अचानक बढ़ रहे मामलों के पीछे यह वेरिएंट हो सकता है। हाल ही में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सैंपल इकठ्ठा किये गए थे। इस वेरेंट के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और गुजरात में 164 प्रत्येक में पाए गए हैं, इसके बाद तेलंगाना में 93 और कर्नाटक में 86 मामले मिले हैं। इस वेरिएंट का पहली बार जनवरी में पता चला था। इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कोविड वैक्सीन से जुड़े नियमों में थोड़े बदलाव भी किये हैं।
XBB.1.16 वेरिएंट से कितना खतरा?
देश में अचानक बढ़ रहे कोरोना के नए मामलों के लिए कहीं न कहीं कोरोना वायरस के नए वेरिएंट XBB.1.16 को जिम्मेदार माना जा रहा है। जानारी के मुताबिक इस वेरिएंट के 610 मामले मिले हैं। नए वेरिएंट के मिलने और तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि आने वाले समय में कोरोना की नई लहर का सामना करना पड़ सकता है।
Read more: Raigarh News: मार्च महीने में 22 स्थायी वारंटी समेत 521 फरार वारंटियों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल….
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
कोरोना वायरस के सबसे आम लक्षणों में बुखार, खांसी और थकान के साथ-साथ अन्य लक्षण जैसे सांस की तकलीफ या सांस लेने में कठिनाई, शरीर में दर्द और मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नाक बहना, सीने में दर्द और सिरदर्द शामिल हैं। इन दिनों दिखने वाले लक्षण काफी हद तक इन्फ्लूएंजा वायरस से मिलते-जुलते हैं इसलिए कोई भी लक्षण महसूस होने पर कोरोना की जांच भी कराएं।
वैक्सीन की सिफारिशों में किया बदलाव
Corona new veriant: WHO ने कोरोना महामारी के नए चरण के लिए अपनी कोविड-19 वैक्सीन की सिफारिशों में थोड़ा फेरबदल भी किया है। स्वस्थ बच्चों और किशोरों को टीके की जरूरत नहीं हो सकती है, लेकिन बड़े और हाई रिस्क वाले लोगों को उनके आखिरी टीकाकरण के बाद 6 से 12 महीनों के बीच बूस्टर शॉट लेना चाहिए।