उर्दू में लिखा 89 साल पुराना शादी का कार्ड इंटरनेट पर वायरल

Old Wedding Cards: दुनिया बहुत एडवांस हो गई है. शादी-पार्टियों (Wedding) में नई-नई टेक्नोलॉजी देखने को मिलने लगी हैं. शादी के वेडिंग कार्ड्स (Wedding Cards) भी चर्चाओं का विषय बन जाते हैं. कई वेडिंग कार्ड्स में तो चॉकलेट और गिफ्ट्स तक होते हैं. हम में से कई लोगों ने अपने माता-पिता की शादी के कार्ड्स तो देखे होंगे लेकिन दादा-दादी के जमाने में शादी के कार्ड्स कैसे होते होंगे, क्या आपने कभी सोचा है? इंटरनेट पर एक 89 साल पुराना उर्दू में लिखा वेडिंग कार्ड वायरल हो रहा है. यूजर्स कार्ड में लिखी बातों को पढ़कर हैरानी जता रहे हैं.
ट्विटर पर यह वेडिंग कार्ड सोनल बतला ने शेयर किया है. उन्होंने इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ‘साल 1933 में हुई मेरे दादा-दादी की शादी का इन्विटेशन कार्ड.’ कॉफी ब्राउन शेड वाले कार्ड में आप साफ उर्दू कैलीग्राफी को देख सकते हैं. इसमें एक शख्स 23 अप्रैल, 1933 को अपने बेटे की शादी के न्योते के लिए खत लिख रहा है. इसमें लिखा है, ‘पैगंबर मोहम्मद को मेरा सम्मान. आदरणीय महोदय, आपको खुदा सलामत रखे और मैं इस अच्छे वक्त के लिए खुदा का शुक्रिया अदा करता हूं. मेरे बेटे हाफिज मोहम्मद युसूफ का निकाह 2 अप्रैल 1933, रविवार को तय हुआ है.’
इसमें यह भी लिखा है कि दुल्हन का घर किशनगंज में है. उन्होंने लिखा, ‘मैं आपको गली कासिम जान स्थित अपने घर आने का न्योता देता हूं, जहां से हम किशनगंज स्थित दुल्हन के घर निकाह के लिए जाएंगे. इसके बाद दावत होगी. वलीमा 24 अप्रैल 1933 का है. आप मेरे घर सुबह 10 बजे तक आ जाएं और वलीमा का हिस्सा बनें.’
My grandparents’ wedding invitation circa #1933 #Delhi pic.twitter.com/WRcHQQULUX
— Sonya Battla (@SonyaBattla2) December 30, 2022
दूल्हे के पिता ने लिखा कि बारात सुबह 11.30 बजे निकलेगी. आप वक्त पर घर आ जाएं. आपका मोहम्मद इब्राहिम हाफिज शहाब-उद-दीन मुहम्मद इब्राहिम, जगह: दिल्ली. 89 साल पुराने शादी के इस कार्ड को अब तक 4.7 लाख लोग देख चुके हैं और 6 हजार लाइक्स मिल चुके हैं. एक यूजर ने लिखा- उर्दू बहुत खूबसूरत है.
Old Wedding Cards: एक अन्य शख्स ने लिखा, दुल्हन का नाम गायब है. उसने कहा, ‘कितना प्यारा लिखा है. शायद कोई शख्स एक रजिस्टर के साथ गली के चारों ओर घूमेगा और आरएसवीपी रजिस्टर में आमंत्रित व्यक्ति की ओर से लिखा गया पत्र होगा. इसमें दुल्हन का नाम गायब है. एक अन्य यूजर ने लिखा, गली कासिम जान…यहा गालिब रहा करते थे. वक्त पर पहुंचने की बात बहुत अच्छी है.