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7 कांवड़ियों को डंपर ने रौंदा,6 की मौत…गंगाजल लेकर लौट रहे थे

Up News उत्तरप्रदेश में मध्यप्रदेश के कांवड़ियों के साथ बड़ा हादसा हो गया। हाथरस में डंपर ने कांवड़ियों के जत्थे को रौंद दिया। शुक्रवार देर रात 2 से 3 बजे के बीच हुए हादसे में 5 कांवड़ियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 1 ने अस्पताल में दम तोड़ा। कांवड़िये हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल लेकर ग्वालियर आ रहे थे। सभी कांवड़िये ग्वालियर के उटिला के रहने वाले बताए जा रहे हैं। मौके पर मौजूद एक कांवड़िये ने बताया कि हम एक ढाबे पर खाना खा रहे थे, तभी ड्राइवर ने डंपर चढ़ा दिया।

हादसा हाथरस में कोतवाली सादाबाद बढ़ार चौराहे पर हुआ। आगरा जोन के ADG राजीव कृष्ण ने बताया कि हाथरस के कांवड़िये हरिद्वार से ग्वालियर जा रहे थे। घटना के बाद ड्राइवर डंपर लेकर भाग निकला। हादसे में एक कांवड़िया घायल है। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 42 लोगों का जत्था एकसाथ गंगाजल लेकर जा रहा था। हादसे में जबर सिंह (28), रनवीर सिंह (30), मनोज पाल सिंह (30), रमेश पाल (30) और नरेश पाल (45) समेत 6 की मौत हुई है। हाथरस ​​​​​​DM रमेश रंजन ने सभी मृतक कांवड़ियों के परिजन को 1-1 लाख रुपए की मदद देने की घोषणा की है।

पारंपरिक रूट छोड़ दूसरे रूट पर जा रहे थे कांवड़िये

हाथरस एसपी विकास कुमार वैद्य ने बताया कि हादसा सादाबाद – ग्वालियर रूट पर हुआ। यह रूट कांवड़ यात्रा का पारंपरिक रूट नहीं है। इस कारण इस रूट पर कांवड़ियों के लिए ट्रैफिक बंद नहीं किया जाता। पारंपरिक रूट पर कावड़ियों को सुरक्षित रास्ता देने के लिए ट्रैफिक बंद किया जाता है।

ग्वालियर के बांगीपुरा गांव के हैं सभी कांवड़िये
उटीला थाना प्रभारी अवधेश ने बताया कि हाथरस में ट्रक हादसे में मारे गए सभी 6 कांवड़िये बागी बांगीपुरा गांव के हैं। हादसे के सभी पीड़ितों के परिवार को घटना की जानकारी दे दी गई है। ग्वालियर से उटीला 25 से 30 किलोमीटर दूर है।

घायल कांवड़िये को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
घायल कांवड़िये को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

CM योगी ने जताया दुख

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 कांवड़ियों की मौत पर दुख जताया। उन्होंने दिवंगतों की आत्मा की शांति की कामना करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायल का बेहतर इलाज कराने के निर्देश दिए।

जानिए, क्या है कांवड़ यात्रा
Up News  सावन के महीने में भगवान शिव को खुश करने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। इन्हें ही कांवड़िये कहा जाता है। कांवड़िये बांस की लकड़ी पर दोनों ओर लटकी हुई टोकरियों के साथ गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री (उत्तराखंड) या फिर सुल्तानगंज (बिहार) के लिए यात्रा करते हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को एक साधु की तरह रहना होता है। गंगाजल भरने से लेकर उसे शिवलिंग पर अभिषेक करने तक का पूरा सफर भक्त पैदल, नंगे पांव करते हैं।

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