छत्तीसगढ़ न्यूज़ (समाचार)

ऑटो-टैक्सी और मिनी बस ड्राइवरों की हड़ताल शुरू, जानें किन मांगों को लेकर हो की गई है स्ट्राइक

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में सीएनजी की कीमतें कम करने, किराए में बढ़ोतरी समेत अन्य मांगों को लेकर ऑटो, टैक्सी और मिनी बस चालकों के कई संगठनों ने आज हड़ताल का आह्वान किया है. संगठनों के मुताबिक, टैक्सी बस मालिकों और APP बेस्ड टैक्सी के चालकों की काफी लम्बे समय से लंबित मांगों को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार ने 17 अप्रैल तक भी किसी तरह की कोई मीटिंग या सुनवाई नहीं की है. इस कारण सब काली-पीली टैक्सी, टूरिस्ट टैक्सी और बस वाले दो दिन की हड़ताल पर हैं. दिल्ली में करीब 95 हजार ऑटो और 75 हजार से अधिक टैक्सियां पंजीकृत हैं. दिल्ली टैक्सी, टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स ऐसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने कहा कि दिल्ली सरकार ये भ्रम फैला रही हैं कि वो टैक्सी बस एसोसिएशन से बात कर रही है, लेकिन हड़ताल में हिस्सा लेने वाली किसी भी यूनियन या एसोसिएशन को अभी तक किसी भी सरकार ने नहीं बुलाया है.

दिल्ली में हड़ताल के दौरान दिल्ली की जनता को जो भी समस्या होगी, हमें उसका खेद है. दिल्ली की जनता हड़ताल से परेशान होती है, तो इसकी जिम्मेदारी केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों की होगी. इसके अलावा कुछ संगठन अनिश्चितकालीन हड़ताल भी कर रहे हैं और उनकी 3 से 4 मुख्य मांगें हैं, जिन पर संगठन नाराज है. सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन ऑफ दिल्ली के कमलजीत गिल ने बताया कि हमने 10 दिन पहले सरकार को बताया था कि हमारे सीएनजी के दाम बढ़ते जा रहे हैं और हमारा किराया कम है. सरकार द्वारा इन दामों को बढ़ाया जाए और सीएनजी में 50 फीसदी सब्सिडी दी जाए और ओला-उबर टैक्सी के ड्राइवर का 10 फीसदी कमीशन तय होना चाहिए.

दरअसल टैक्सी ऑटो चालक अपनी कई मांगों को लेकर यह हड़ताल कर रहे हैं. ये मांगें हैं- एप बेस्ड टैक्सी का किराया दिल्ली सरकार द्वारा तय किया जाए, पैनिक बटन की अनिवार्यता खत्म की जाए, स्पीड गर्वनर की चेकिंग के नाम पर 2500 रुपए लेना बंद किया जाए और ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट की डीजल बसों और टैम्पो ट्रैवलर को 10 साल की वैधता दी जाए. वहीं दिल्ली में सीएनजी की कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों की वैधता 2 साल और बढ़ाई जाए.

साथ ही दिल्ली में डीजल की यूरो 6 टैक्सी बसों का रजिस्ट्रेशन शरू किया जाए, स्पीड गवर्नर और पैनिक बटन घोटाले की जांच सीबीआई द्वारा करवाई जाए, दिल्ली में डीजल पर वैट कम किया जाए और CNG के लिए दिल्ली सरकार बस और टैक्सी मालिकों को सब्सिडी दे. डीआईएमटीएस द्वारा हर साल जीपीएस के नाम पर लेनी वाली फीस बंद हो. दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा ली जा रही सारी लेट फीस और जुर्माने हटें. इसके अलावा अभी भी 8 सीटर डीजल टैक्सी के परमिट 5 साल के बाद नवीनीकरण नहीं हो रहे हैं, इनके परमिट के जल्द नवीनीकरण के आदेश दिए जाएं. फिटनेस के समय ड्राइवर जेंडर ट्रेनिंग हटाई जाए. डीजल, पेट्रोल और सीएनजी गैस को जीएसटी के दायरे में लाया जाए. ट्रैफिक पुलिस और एनफोर्समेंट द्वारा बसों के 10 हजार के जुर्माने बंद किए जाएं.

Related Articles

Back to top button