Raigarh News: टिल्लू शर्मा की गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं — क्या पुलिस को जनाक्रोश की प्रतीक्षा है
छठ पर्व का अपमान करने वाले आरोपी पर 3 नवंबर से FIR दर्ज, फिर भी पुलिस की चुप्पी से भड़का समाज

Raigarh News: रायगढ़। श्रद्धा और आस्था के पर्व छठ पर की गई टिल्लू शर्मा की विवादास्पद टिप्पणी के खिलाफ जनता का आक्रोश अब विस्फोटक रूप लेता जा रहा है। 3 नवंबर 2025 को कोतवाली पुलिस द्वारा बीएनएस की धारा 196 और 299 के तहत अपराध दर्ज किए जाने के बावजूद आरोपी की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है। पुलिस ने जांच के बाद अन्य धाराएं जोड़ने का आश्वासन दिया था, परंतु वह वादा भी सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। पुलिस की यह निष्क्रियता न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि समाज के धैर्य की परीक्षा भी ले रही है।

टिल्लू शर्मा ने उस समय फेसबुक पर टिप्पणी की थी जब रायपुर में अमित बघेल द्वारा अग्रवाल समाज और सिंधी समाज के ईष्ट देवों के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर पूरे प्रदेश सहित देश में विरोध की लहर थी। उसी माहौल में रायगढ़ से टिल्लू शर्मा द्वारा छठ पर्व पर की गई टिप्पणी भी जानबूझकर धार्मिक भावनाएं भड़काने की नीयत से की गई थी। इसका परिणाम यह हुआ कि रायगढ़ सहित पूर्वांचल, भोजपुरी समाज और इस पर्व को मानने वाले लाखों लोगों में तीव्र आक्रोश फैल गया। समाज के अनेक संगठनों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव कर आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी।
दबाव में आकर पुलिस ने FIR तो दर्ज कर ली, लेकिन उसके बाद से पूरे मामले में सन्नाटा है। आरोपी आज भी खुलेआम घूम रहा है, जबकि पुलिस का रवैया इस तरह का है मानो किसी अदृश्य निर्देश की प्रतीक्षा हो। समाज अब पूछ रहा है कि क्या रायगढ़ पुलिस हर बार प्रदर्शन और धरने के बाद ही कार्रवाई करती है। जब मामूली मामलों में भी तत्काल गिरफ्तारी हो जाती है, तो धार्मिक आस्था के अपमान जैसे गंभीर अपराध में इतनी ढिलाई क्यों।
जनता के बीच उठ रहा सवालों का तूफान
क्या टिल्लू शर्मा की गिरफ्तारी में कोई राजनीतिक दबाव है जिसने पुलिस के कदम रोक रखे हैं। क्या वह रायगढ़ में ही मौजूद है और पुलिस जानबूझकर उसे पकड़ने में देरी कर रही है ताकि उसे अग्रिम जमानत का मौका मिल सके। समाज में यह चर्चा तेज है कि पुलिस की यह चुप्पी किसी संरक्षण की ओर इशारा कर रही है। आखिर क्यों एक खुलेआम आरोपी को गिरफ्तार करने में इतनी देरी की जा रही है जबकि मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है। क्या पुलिस अब भी किसी आदेश या दबाव का इंतजार कर रही है या फिर यह सुस्ती व्यवस्था की विफलता का प्रतीक बन चुकी है।

रायगढ़ के सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र गिरफ्तारी नहीं की गई तो यह मामला बड़े जनआंदोलन का रूप लेगा। लोगों का कहना है कि जब तक आरोपी को कानून के दायरे में नहीं लाया जाता, तब तक समाज शांत नहीं बैठेगा और पुलिस प्रशासन को इस जनाक्रोश की जिम्मेदारी से बचना संभव नहीं



