छत्तीसगढ़ न्यूज़ (समाचार)

Bilaspur Train Accident: बिलासपुर ट्रेन हादसे में बड़ा खुलासा, साइकोलॉजिकल टेस्ट में फेल लोको पायलट को मिली थी ट्रेन चलाने की अनुमति

Bilaspur Train Accident : छत्तीसगढ़  के बिलासपुर में हुए ट्रेन हादसे के बाद रेलवे की गंभीर लापरवाही सामने आई है। जांच में खुलासा हुआ है कि जिस लोको पायलट  को मेमू लोकल ट्रेन  चलाने की जिम्मेदारी दी गई थी, वह साइकोलॉजिकल टेस्ट में असफल हो चुका था।

 

रेलवे नियमों के अनुसार, पैसेंजर ट्रेन (Passenger Train) चलाने के लिए यह टेस्ट पास करना अनिवार्य है। इसके बावजूद अधिकारी ने नियमों को नजरअंदाज कर चालक को जिम्मेदारी सौंप दी।

 

यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Govt Latest news: छत्तीसगढ़ में अब निकायों में होगा ऑनलाइन टैक्स का भुगतान… राज्य सरकार ने जारी किया आदेश

 

प्रमोशन के बाद भी नहीं हुआ टेस्ट पास

बिलासपुर रेल हादसे की जांच शुरू: प्राथमिक जांच में लोको पायलट की गलती आई सामने, केस दर्ज

 

जांच रिपोर्ट के अनुसार, लोको पायलट विद्यासागर (Vidyasagar) पहले मालगाड़ी (Freight Train) चलाते थे। करीब एक महीने पहले उन्हें प्रमोशन देकर पैसेंजर ट्रेन परिचालन में लगाया गया था। रेलवे के नियमों के मुताबिक, मालगाड़ी से पैसेंजर ट्रेन चलाने वाले चालक को पहले साइकोलॉजिकल टेस्ट पास करना जरूरी होता है। यह परीक्षा चालक की मानसिक स्थिति, निर्णय क्षमता और आपातकालीन हालात में प्रतिक्रिया की जांच करती है।

 

 

अधिकारियों को पहले से जानकारी थी कि विद्यासागर यह टेस्ट पास नहीं कर सके थे, बावजूद इसके उन्हें सहायक चालक के साथ मेमू लोकल चलाने की अनुमति दे दी गई। यही लापरवाही अब हादसे की एक बड़ी वजह बनकर सामने आई है।

 

CRS ने की घंटेभर पूछताछ, अफसरों से मांगा जवाब

बिलासपुर डीआरएम कार्यालय

हादसे की जांच अब कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) की निगरानी में की जा रही है। 6 नवंबर को बिलासपुर डीआरएम कार्यालय में सीआरएस बी.के. मिश्रा (B.K. Mishra) ने एरिया बोर्ड के एससीआर, एआरटी, एआरएमवी इंचार्ज और कंट्रोलर विभाग के कई अधिकारियों-कर्मचारियों से पूछताछ की।

 

पूछताछ का सिलसिला सुबह से देर रात तक चला। अधिकारियों से हादसे के समय उनकी मौजूदगी, सिस्टम में तकनीकी दिक्कतें, सिग्नल फॉल्ट और कम्युनिकेशन सिस्टम की जानकारी ली गई।

 

ऑटो सिग्नलिंग सिस्टम की खामी भी कारण

रात 10 बजे तक अपनी बारी का इंतजार करते रहे।

रेलवे की पांच सदस्यीय जांच टीम ने बताया कि 4 नवंबर को गेवरारोड (Gevra Road) स्टेशन के पास मेमू लोकल और मालगाड़ी की टक्कर के पीछे ऑटो सिग्नलिंग सिस्टम (Auto Signalling System) की तकनीकी खराबी भी जिम्मेदार थी।

 

इसके साथ ही प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा जांच में कोताही और टेस्ट रिपोर्ट की अनदेखी भी हादसे के मूल कारणों में से एक है।

 

अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की तैयारी

Bilaspur Train Accidentजांच रिपोर्ट के आधार पर अब रेलवे उन अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, जिन्होंने नियम तोड़कर लोको पायलट को जिम्मेदारी दी थी।

CRS की टीम हादसे से जुड़े सभी दस्तावेज और ऑडियो लॉग्स का विश्लेषण कर रही है

, ताकि सिस्टम की खामियों और मानव भूल दोनों की पहचान की जा सके।

 

Related Articles

Back to top button