Chhattisgarh Top News: छत्तीसगढ़ में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक कोरोना की चपेट में, 24 घंटे में मिले 9 नए मरीज, एक्टिव केस की संख्या 28 के पार…

Chhattisgarh Top News छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी है। राजधानी रायपुर और बिलासपुर से पिछले 24 घंटे में 9 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं, जिससे एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। रायपुर में सबसे ज्यादा 18 मरीज एक्टिव हैं, वहीं बिलासपुर में 6, दुर्ग में 3 और बस्तर में 1 केस एक्टिव हैं। कोरोना के इन मामलों ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है, हालांकि राहत की बात यह है कि अब तक किसी की मौत नहीं हुई है और ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं।
बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक चपेट में
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस बार कोरोना (CG Corona Cases) के कुछ मरीज छोटे बच्चों में भी पाए गए हैं। हालांकि मेकाहारा अस्पताल के पल्मोनरी विभाग के प्रमुख डॉ. आर. के. पांडा का कहना है कि अधिकतर मरीजों में संक्रमण हल्का है और कोई भी गंभीर मामला सामने नहीं आया है। सिर्फ एक मरीज ICU में भर्ती है, जबकि बाकी 27 घर पर ही आइसोलेशन में हैं।
डॉक्टरों की मानें तो इस बार जो कोविड का JN.1 सब-वैरिएंट सामने आया है, वह खासतौर पर डायबिटीज और चेन स्मोकर्स के लिए खतरनाक हो सकता है। यह वैरिएंट ओमिक्रॉन के BA.2.86 का ही एक स्ट्रेन है, जिसमें लगभग 30 म्यूटेशन पाए गए हैं, जो इम्यूनिटी को तेजी से कमजोर कर सकते हैं। इसके लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, गले में खराश, खांसी, थकान और स्वाद-गंध चले जाना शामिल हैं।
ऑक्सीजन की किल्लत का खतरा
एक बड़ी चिंता रायपुर के प्रमुख अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था को लेकर भी है। DKS, अंबेडकर और आयुर्वेदिक कॉलेज में पीएम केयर फंड से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़े हैं। DKS अस्पताल को फिलहाल ऑक्सीजन की 40% जरूरत प्राइवेट सिलेंडर से पूरी करनी पड़ रही है। अगर केस तेजी से बढ़ते हैं तो सरकारी व्यवस्था तुरंत डिमांड पूरी करने में असमर्थ हो सकती है।
छत्तीसगढ़ में कोविड के 9 नए केस मिले, जिससे एक्टिव केस 28 हो गए। JN.1 वैरिएंट स्मोकर्स और डायबिटिक मरीजों के लिए खतरनाक। ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर सरकारी अस्पतालों में चिंता, सावधानी बरतने की सलाह दी गई।
डॉक्टरों की मानें तो इस बार जो कोविड का JN.1 सब-वैरिएंट सामने आया है, वह खासतौर पर डायबिटीज और चेन स्मोकर्स के लिए खतरनाक हो सकता है। यह वैरिएंट ओमिक्रॉन के BA.2.86 का ही एक स्ट्रेन है, जिसमें लगभग 30 म्यूटेशन पाए गए हैं, जो इम्यूनिटी को तेजी से कमजोर कर सकते हैं। इसके लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, गले में खराश, खांसी, थकान और स्वाद-गंध चले जाना शामिल हैं।
ऑक्सीजन की किल्लत का खतरा
एक बड़ी चिंता रायपुर के प्रमुख अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था को लेकर भी है। DKS, अंबेडकर और आयुर्वेदिक कॉलेज में पीएम केयर फंड से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़े हैं। DKS अस्पताल को फिलहाल ऑक्सीजन की 40% जरूरत प्राइवेट सिलेंडर से पूरी करनी पड़ रही है। अगर केस तेजी से बढ़ते हैं तो सरकारी व्यवस्था तुरंत डिमांड पूरी करने में असमर्थ हो सकती है
मेकाहारा (CG Corona Cases) में अब तक 31 लोगों का RTPCR टेस्ट किया जा चुका है और 28 मई से कोविड OPD शुरू कर दी गई है। हालांकि DKS अस्पताल को अब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई विशेष एडवाइजरी नहीं मिली है, जिससे वहां कोविड जांच की व्यवस्था चालू नहीं हो सकी है। वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लक्षण दिखते ही मरीजों की स्क्रीनिंग और सैंपलिंग की जाए और जरूरत पड़ी तो एम्स रायपुर में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजे जाएं।
ट्रैवल हिस्ट्री नहीं, संक्रमण का स्रोत स्थानीय
राज्य में अब तक मिले 30 मरीजों में से केवल 2 की ट्रैवल हिस्ट्री पाई गई है। बाकी 28 लोग लोकल स्तर पर संक्रमित हुए हैं, जिससे साफ है कि वायरस आसपास की भीड़-भाड़ वाली जगहों में मौजूद है। ऐसे में जरूरी हो गया है कि लोग फिर से मास्क पहनने, हाथ धोने और भीड़ से बचने जैसे नियमों का पालन करें।
मितानिनों से रिपोर्टिंग पर जोर
Chhattisgarh Top Newsस्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया है कि राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को लक्षण वाले मरीजों की तत्काल रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं मितानिन कार्यकर्ताओं के माध्यम से समुदाय स्तर पर निगरानी और रिपोर्टिंग