किसानो की डूबती नैया पार लगा देगी अमरुद की खेती जाने एडवांस तरीका
किसानो की डूबती नैया पार लगा देगी अमरुद की खेती जाने एडवांस तरीका आइये आज हम आपको बताते है अमरुद की खेती किस प्रकार की जाती है डिटेल में तो बने रहिये अंत तक-
किसानो की डूबती नैया पार लगा देगी अमरुद की खेती जाने एडवांस तरीका
आमतौर पर देखा जाये तो किसान सदियों से परम्परागत खेती सरसों,गेहू,ज्वार,बाजरा,चना,मसूर की फसल ही करते आ रहे हैं.जिसके चलते यहां का किसान पिछ़डा बना रहा और गरीबी के साथ साथ कर्जे मे सदैब डूबा रहा.लेकिन अब यहां की नई पीढ़ी का युवा उन्नत तकनीक से लैस आधुनिक देसी-विदेशी फलों की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे है।
आपको बता दे की पिंक अमरुद की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत की जाली लगाकर फेंसिंग की उसके बाद उन्होंने एक नर्सरी संचालक से संपर्क कर ताइवानी पिंक अमरूद के बांग्लादेश से 300 पौधे मंगाए जाते है जिन को 12×12 फुट की कतारों में लगाया साथ ही कतारों के बीच में 1-1 हाइब्रिड पपीते के पौधे लगाए किनारो पर खेत के चारों ओर उन्होंने कटहल, मौसंबी, नीबू, आंवला, एप्पल बेर, लभेरा के पौधे भी लगाए जा सकते है।
किसानो की डूबती नैया पार लगा देगी अमरुद की खेती जाने एडवांस तरीका
पेस्टिसाइड अथवा डीएपी, यूरिया खाद का उपयोग नहीं किया है. केवल अपने बगीचे में गोबर की खाद ही डेल हैं.फलों और सब्जियों के ऑर्गेनिक होने के चलते उनके बगीचे से आसपास के लोग बगीचे से ही ताजा फल और सब्जियां ले जाते है.पेड़ के पके हुए फल बाजार से महंगे दाम पर ग्राहक खरीद कर ले जाते हैं.उनको कभी अपनी फसल को बाजार में बेचने की आवश्यकता नहीं पड़ी है.शिवराम शर्मा के भाई रामसेवक शर्मा बताते हैं कि उनके बगीचे में 3 से 4 लाख रुपये तक की लागत आई थी. साथ ही फलों को पक्षियों से फलों को नुकसान से बचाने के लिए उन्होंने पूरे खेत के ऊपर 1 लाख रुपये कीमत का जाल लगाया है.जिससे पक्षी फलों को नुकसान नहीं पहुंचा सकें।
वहीं कृषि विभाग किसानों को ले जाकर आधुनिक खेती के तौर-तरीकों को दिखाने के लिए किसानों का विजिट करा रहे है.चम्बल इलाके के भिंड जिले का किसान अव आधुनिक खेती की और अग्रसर हो कर खेती को लाभ का धंधा बनाने जा रहा है.आने वाले समय में किसान अब और उन्नत खेती कर अपने आप को मजबूत बनाने की राह पर है.