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हल्दी की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं किसान, जानिए इसकी खेती के बारे में सबकुछ

हल्दी की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं किसान, जानिए इसकी खेती के बारे में सबकुछ, हल्दी की खेती कम लागत में मुनाफे वाली खेती मानी जाती है। जानकारी देते हुए कृषि विशेषज्ञ डॉ. विकास कुमार कहते हैं कि मिथिला और सीमांचल में हल्दी की खेती वरदान साबित होगी। इसके लिए राजेंद्र सोनाली और राजेंद्र सोनिया ये दो किस्म के बीज किसानों के लिए सबसे बेहतर हैं। इससे किसानों को अधिक उत्पादन भी मिलता है। हल्दी की खेती अपने आप में बेहद खास मानी जाती है।

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दरअसल, हल्दी अपने कई औषधीय गुणों के कारण भारतीय मसालों में खास पहचान रखती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। इस वजह से लोग हल्दी में दूध मिलाकर पीते हैं। हल्दी का इस्तेमाल सब्जी और कई तरह के कॉस्मेटिक और ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने में भी खूब होता है। इससे किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन इसके लिए किसान भाइयों को खेती का सही तरीका और सही उन्नत किस्म के बीज का चुनाव करना जरूरी होगा।

हल्दी की खेती: कृषि विशेषज्ञ ने बताया हल्दी की खेती से कैसे कमाएं मुनाफा बोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया के कृषि विशेषज्ञ डॉ. विकास कुमार कहते हैं कि हल्दी की खेती किसानों के लिए सबसे मुनाफे का सौदा है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो हल्दी लगाने का अभी सही समय है और वैज्ञानिकों ने माना है कि पूरे मिथिला और सीमांचल क्षेत्र में हल्दी की खेती बहुत उपयुक्त है. यहां की मिट्टी बहुत उपजाऊ है. क्योंकि हल्दी जड़ वाली फसल है, इसमें गांठे होती हैं. लेकिन इसकी फलियाँ ज़मीन के नीचे होती हैं और यहाँ की रेतीली मिट्टी होने के कारण यहाँ की मिट्टी और पूर्णिया की मिट्टी बहुत अच्छी उपज देती है.

हल्दी की खेती: सबसे पहले उन्नत किस्म के बीज का चयन करें हल्दी की खेती करने से पहले हमें अच्छी किस्म के बीज का ध्यान रखना होगा. हल्दी लगाने के लिए अच्छी किस्म के बीज ही इस्तेमाल करने होंगे. लेकिन इसके लिए राजेंद्र प्रसाद कृषि महाविद्यालय, पूसा समस्तीपुर द्वारा सुझाई गई किस्में राजेंद्र सोनाली और राजेंद्र सोनिया, ये दो किस्म के बीज बिहार के पूर्णिया के लिए बहुत उपयुक्त और बेहतरीन हैं. आप कृषि विश्वविद्यालय से संपर्क करके अच्छे बीज प्राप्त कर सकते हैं.

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हल्दी की खेती: ऐसे लगाएं अपने खेत में हल्दी के बीज, रखें ये दूरी उन्होंने बताया कि हल्दी के बीज लगाने के दो तरीके हैं, एक तो हम इसे लाइन में लगाते हैं और दूसरा हम इसे गड्ढा खोदकर लगाते हैं. लाइन विधि से रोपाई करते समय दूरी का ध्यान रखें। इसे लगाते समय लाइनों के बीच की दूरी करीब 50 सेंटीमीटर और एक कंद से दूसरे कंद के बीच की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर रखी जा सकती है। हालांकि इसकी दूरी कम या ज्यादा भी की जा सकती है। लेकिन इसकी कमी या अधिकता उत्पादन क्षमता को प्रभावित करती है। ऐसे में किसानों को हल्दी लगाते समय इस दूरी का ध्यान रखना चाहिए। वहीं इसे लगाने का सही समय अप्रैल से जुलाई है। इसे आसानी से लगाया जा सकता है। लेकिन जब किसान हल्दी लगाना चाहें तो उन्हें बारिश के बाद ही इसे लगाना चाहिए। ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे और अंकुरण जल्दी हो।

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