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गन्ने की खेती में डबल मुनाफे के किसान भाइयो को करना होगा ये काम, बेहतरीन पैदावार के साथ होगा तगड़ा लाभ

गन्ने की खेती में डबल मुनाफे के किसान भाइयो को करना होगा ये काम, बेहतरीन पैदावार के साथ होगा तगड़ा लाभ,नमस्कार किसान भाइयो आज हम आपको गन्ने की खेती के बार में एक ऐसी जानकारी देने वाले है जिससे की आपकी फसल में दुगुनी पैदावर हो जाएगी. इसके लिए खास प्लान तैयार करने की दिशा में काम किया जा रहा. आपको बता दे की आने वाले समय में चीनी मिलों में गन्ने के बायोमास से यूरिया, पेपर, इथेनाल और पाली एथिलीन जैसे प्रोडेक्ट तैयार किए जाएंगे. इसी के साथ इस विषय पर कानपुर के नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट में गन्ना और शुगर को लेकर शोध किए जा रहे हैं. जिसमे की गन्ने की खेती पर किसानो को बहुत लाभ मिलेगा.

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दोस्तों सबसे पहले तो आपको बात दे की जल्द ही अब शुगर इंडस्ट्री में चीनी के साथ अन्य कई उत्पादों को भी तैयार किया जाएगा. साथ ही इसके लिए बायोमास का प्रयोग किया जाना है. दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे की बायोमास उस पदार्थ को कहते हैं जो गन्ने से शुगर निकालने के बाद बच जाता है. आपको बता दे की ये बहुत ही काम की चीज होने वाली है. इस बायोमास से शक्कर से भी कीमती प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे. इससे होगा ये की किसानो को भी इससे ज्यादा पैसा मिलेगा. साथ ही उनकी आय में भी वृद्धि हो जाएगी.

गन्ने की खेती में डबल मुनाफे के किसान भाइयो को करना होगा ये काम, बेहतरीन पैदावार के साथ होगा तगड़ा लाभ

दोस्तों इसी के साथ आपको बता दे की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा बताया जाता है की गन्ने से शक्कर बनाने के बाद बचे हुए बायोमास (biomass) का इस्तेमाल करके यूरिया, पेपर, इथेनॉल, पाली एथिलीन सहित कई प्रकार के प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे. इससे चीनी इंडस्ट्री को फायदा होगा और तो और वहीं दूसरी ओर किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा. आपको बता दे की वैसे तो गन्ने के मूल्य पर एक फिक्स अमाउंट ही देते है लेकिन इसके बाद यह प्रोडक्ट बनने शुरू हो जाएंगे तो उनको गन्ने का अधिक रेट मिलना संभव हो सकेगा. इससे सबसे बड़ा लाभ ये होगा की लोगो के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. इस नॉन फूड बायोमास (non food biomass) उपयोग नहीं होने से यह बेकार चला जाता था लेकिन अब इसके उपयोग से तरह-तरह के महंगे और उपयोगी उत्पाद तैयार किए जाएंगे.

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इसी के साथ आपको बता दे की खेती के बाद जब फसल कट जाती है तो फसल अवशेष खेत में रह जाते हैं जिसे किसान अगली फसल की खेती के लिए खेत खाली करने की जल्दी में जला देते हैं जिससे वायु प्रदूषण होता है. लेकिन अब इस समस्या का समाधान निकल के आ गया है. तो दोस्तों आपको बता दे की अब फसल कटने के बाद बचे फसल अवशेषों जिसे पराली कहा जाता है, इससे भी प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे. साथ ही इससे काफी हद तक पराली जलाने की समस्या से निजात मिल जाएगी और वायु प्रदूषण की रोकथाम हो सकेगी. जिससे वातावरण को भी कई ज्यादा सुधर मिलेगा.

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