बिजनेस

FPI trend : नए साल में क्यों उलट रहा है FPI का ट्रेंड? भारतीय बाजार से क्यों निकलने लगे विदेशी निवेशक…

FPI trend : भारतीय बाजार में विदशी निवेशकों के रुख में बदलाव देखने को मिल रहा है. पिछले कुछ महीने से ताबड़तोड़ खरीदारी कर रहे विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर अब बिकवाल बनने लग गए हैं. नए साल के दूसरे सप्ताह में विदेशी निवेशकों का रुख बदलता दिखा है.

पिछले सप्ताह की इतनी बिकनेवाली
बाजार के आंकड़ों के अनुसार, 12 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान एफपीआई ने 2,477 करोड़ रुपये के इंडियन इक्विटीज की शुद्ध बिकवाली की. इससे पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार खरीदारी किए जा रहे थे. साल 2024 के पहले सप्ताह यानी 5 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान एफपीआई ने 4,436.05 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की थी. दिसंबर महीने में भी एफपीआई शुद्ध खरीदार रहे थे.

Read more: IND vs AFG 2nd T20: बिल्कुल ही फ्री में कब और कहां देखें IND vs AFG का 2nd T20 मैच, यहां जानें सब कुछ…

नई ऊंचाइयों पर घरेलू बाजार
हालांकि एफपीआई की पिछले सप्ताह की बिकवाली के बाद भी घरेलू शेयर बाजार नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में सफल रहा. पिछले सप्ताह के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी ने करीब 1-1 फीसदी की छलांग लगाई और दोनों प्रमुख घरेलू सूचकांक अपने नए लाइफटाइम हाई तक पहुंच गए. शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 72,500 अंक के पार निकलकर बंद हुआ, तो निफ्टी 50 इंडेक्स 21,900 अंक के पार निकलने में सफल रहा.

पिछले साल बना ये इतिहास
पिछला साल एफपीआई के इन्वेस्टमेंट के लिहाज से ऐतिहासिक साबित हुआ था. साल 2023 के दौरान एफपीआई ने 1.77 लाख करोड़ रुपये के भारतीय शेयरों की खरीदारी की थी, जो किसी भी एक साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है. पूरे साल में आए कुल निवेश का एक तिहाई अकेले दिसंबर महीने में आ गया था. इस तरह दिसंबर महीना एफपीआई के निवेश के लिहाज से 2023 का सबसे बड़ा महीना रहा था.

Read more: Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर अग्नि देव को क्यों अर्पित किए जाते हैं तिल और क्या है इसके पीछे का कारण

आगे को लेकर अच्छी है उम्मीद
FPI trend : एफपीआई की बिकवाली का सबसे बड़ा कारण अमेरिका में ब्याज दर को लेकर अनिश्चितता है. अमेरिका में महंगाई में एक बार फिर से तेजी आने के चलते ब्याज दरों में कमी की संभावना कमजोर हुई है. ऐसे में एफपीआई उभरते बाजारों में बिकवाल हुए. हालांकि आने वाले दिनों की बात करें तो प्रोस्पेक्ट अच्छा मालूम पड़ रहा है. 2024 में देर-सबेर ब्याज दरों को नीचे आना ही है, ऐसे में एफपीआई की खरीदारी तेज हो सकती है.

Related Articles

Back to top button